Chhattisgarh News: अप्रैल माह शुरू होते ही शादियों का लगन प्रारंभ हो गया. इसके साथ ही वैवाहिक कार्यक्रमों के लिए लोगों के द्वारा समान खरीदी प्रारंभ कर दी गई है. इस वर्ष अप्रैल माह में गत 18 अप्रैल से 28 मार्च तक ही शादी का लगन है. इसके बाद मई व जून माह में शादी की शुभ तारीख नहीं है, इसके बाद जुलाई माह में शादी का शुभ मुहुर्त है. इस माह में विवाह के लगातार कई मुहूर्त है और शुभ मुहूर्त में शहर से लेकर गांव गांव में जमकर विवाह कार्य संपन्न कराए जा रहे है.
शहर से लेकर गांवों तक 25 व 26 अप्रैल को अनेक शादियां है. शादियों की मुहूर्त तिथियों को लेकर भी कई जगह संदेह है. कुछ जानकार 18 अप्रैल से 22 अप्रैल तक शादियों के लिए मुहूर्त बता रहे थे तो वहीं कुछ जानकार 18 अप्रैल से 28 अप्रैल तक शादियों का मुहूर्त बता रहे है. वैसे ज्यादातर शादियां 18 से 26 अप्रैल तक हो रही है.
बारात के लिए वाहन की मांग बढ़ जाती है
वैवाहिक कार्यक्रम के दौरान वाहनों की मांग बढ़ जाती है. इससे ज्यादा वाहन की जरूरत बारात को ले जाने के लिए होती है. इस दौरान वाहनों की मांग अधिक होने के कारण वाहन मालिको के द्वारा भी अधिक राशि की मांग की जाती है क्योंकि उन्हें पता है कि इस दौरान वाहन कम मिलती है, यही वजह है कि आनाप शनाप पैसों की मांग होती है.
सोने-चांदी की बिक्री में कमी
वैसे तो शादी के सीजन में दुल्हन के लिए सोने या चांदी के जेवरात उपयोग किए जाते रहे है, साथ ही शादी के दौरान दुल्हन व दुल्हे को भी सोने के उपहार दिए जाते है लेकिन वर्तमान समय में सोने के भाव 73000 के पार हो चुका है. जिसके कारण सोने व चांदी की मांग कम हो गई. ज्वेलर्स की माने तो पहले सोने-चांदी के जेवरात अधिक बिक्री होते थे, लेकिन अब शादी के सीजन में भी कम ग्राहक ही सोने चांदी के जेवरात लेने आते है. वहीं कुछ लोग जो सोने या चांदी के जेवरत लेने भी आते है तो कम वजन के जेवरात लेते है ताकि कम पैसे में ही जेवरात लिए जा सके.
मालवाहक वाहन में बारातियों की भीड़
विवाह में बारात आने-जाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के कई लोगों के द्वारा पिकअप का उपयोग करते है. जिसमें बड़ी संख्या में लोग बारात आना-जाना करते है. असुरक्षित तरीके से मालवाहक वाहन में बारात ढोने के कारण दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. इस तरह के नजारे प्रतिदिन शहर की सड़कों पर देखने मिलते रहते है. शहर के चौक-चौराहों से होकर प्रतिदिन माल वाहक वाहन पिकअप में लोगो को ठूंस-ठूंस कर भरे रहते है जो बारात के लिए जाते है. जिस पर किसी तरह की पुलिस कार्यवाई कभी नही होती है जिस कारण बेधडक जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग पिकअप वाहन में बारात आती जाती है.
इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में तो ट्रैक्टरों के माध्यम से भी बारात जाती है. इसमें में लोगों को ठूंस-ठूंस कर भरा जाता हैं. इस तरह इन दिनों विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से असुरक्षित तरीके से मालवाहक वाहनों में सवार होकर लोग बारात आना जाना कर रहे है. जिस पर रोक लगाए जाने की दिशा में पुलिस की कार्यवाई जरूरी है ताकि किसी तरह की संभावित दुर्घटना से बचा जा सके.
डीजे वाहन से दुर्घटना की आशंका
विवाह के इस सीजन में हर जगह डीजे वाहनों का आना जाना होता रहता है. ज्यादातर डीजे पिकअप वाहन में लगाए जाते है. वाहन के पीछे की ओर पिकअप वाहन की बॉडी के बराबर डीजे नही होती बल्कि पिकअप वाहन के दोनों बगल में डीजे बाहर निकला रहता है. जिससे दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है ऐसे वाहनों पर भी पुलिस कार्यवाई होनी चाहिए ताकि सड़क पर लोगों का आवागमन सुरक्षित बना रहे.
शादी की सीजन में जमकर हो रही खरीदी
शादी का सीजन आते ही वैवाहिक कार्यक्रमों के लिए लोगों के द्वारा खरीदी प्रारंभ कर दी जाती है. इस दौरान बर्तन, कपड़े, जेवर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सहित अन्य सामानों की खरीदी बड़े पैमाने पर की जाती है. वैवाहिक कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बर्तन की खरीदी की जाती है इस दौरान शादी में देने के लिए अधिकतर लोग बर्तन को ही देना पसंद करते है. वहीं इलेक्ट्रॉनिक सामनों की भी मांग रहती है.
जुलाई माह में मुहूर्त
अप्रैल के बाद अब सातवें महीने जुलाई में फिर से शादी विवाह के अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे. इस महीने में 9 जुलाई, 11 जुलाई, 12 जुलाई, 13 जुलाई, 14 जुलाई और 15 जुलाई की तारीख में शादी विवाह किए जा सकते हैं. उसके बाद 17 जुलाई से चातुर्मास की शुरुआत हो जाएगी.
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