Bastar: छत्तीसगढ़ के बस्तर की लोककला, शिल्प कला ,संस्कृति, पर्यटन और अन्य स्थानीय कलाओं को देश-दुनिया में पहचान दिलाने के लिए प्रशासन के द्वारा नए नए प्रयोग किए जा रहे हैं. इसी के तहत जगदलपुर शहर में जिला प्रशासन के द्वारा बस्तर आर्ट गैलरी (Bastar Art Gallery) का निर्माण किया गया है. जहां बस्तर के आदिवासी कलाकारों के द्वारा निर्मित शिल्पकला, डोकराआर्ट, व अन्य कलाओं का एग्जीविशन लगाया गया है. ताकि बस्तर की खूबसूरत पर्यटन स्थलों को देखने आने वाले पर्यटक और स्थानीय लोग बस्तर आर्ट गैलरी का भी लुत्फ उठा सके.




इस बस्तर आर्ट गैलरी में बस्तर के युवाओं के अंदर छिपी प्रतिभाओं को उभारने के लिए जिला प्रशासन ने ओपन स्टेज (Open Stage) भी बनाया है, जहां बस्तर के ग्रामीण अंचल के युवाओं के साथ ही शहरी युवाओं को अपनी प्रतिभा को दिखाने के लिए और उसे उभारने के लिए मंच प्रदान किया गया है, जिला प्रशासन द्वारा पहली बार इस तरह युवाओं के लिए ओपन स्टेज बनाए जाने से युवाओं में भी काफी उत्साह है. इस ओपन स्टेज के माध्यम से युवाओं को अपने टैलेंट जिसमें की बस्तरिया हल्बी सॉन्ग, बस्तर पर गाने बनाने के साथ अपनी गायकी,आदिवासी नृत्य और पेंटिंग्स जैसे कलाओं को खुले मंच में प्रदर्शित करने का मौका दिया जा रहा है.


बस्तर के युवा अपनी प्रतिभा से मचा रहे धूम
नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर के युवा आज खेल जगत के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी पूरे देश में नाम कमा रहे हैं. यहां के आदिवासी युवा प्रदेश के साथ-साथ देश में भी अपनी पहचान बना रहे हैं. बस्तर के युवाओं में भी प्रतिभाओं की कमी नहीं है. हालांकि इन युवाओं को लंबे समय से मंच नहीं मिलने से इनके अंदर छिपी प्रतिभाओं को उन्हें उभारने का मौका नहीं मिल पाता था ,लेकिन अब बस्तर बदल रहा है और जिला प्रशासन के द्वारा बस्तर के आदिवासी कलाओं और यहां के युवाओं के प्रतिभा को पहचान देने के लिए बस्तर आर्ट गैलरी का निर्माण किया गया है. जहां ओपन स्टेज के माध्यम से युवाओ को अपने टेलेंट को सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शित करने का मौका दिया जा रहा है.




युवाओं का कहना है कि यह पहला मौका है जब इस तरह का मंच उन्हें मिला है, युवाओं का कहना है कि बस्तर की पहचान पूरे देश दुनिया में नक्सलवाद से है, इस छवि को दूर करने के लिए युवा बस्तर की प्राकृतिक खूबसूरती को सोशल मीडिया में दिखाने के साथ बस्तर पर गाने भी बना रहे है. साथ ही छोटे छोटे गांव के आदिवासी युवा भी अब खुलकर अपनी प्रतिभा को इस ओपन स्टेज में दिखा रहे हैं. बस्तर के एक ऐसे ही युवा प्रखर सिंह से एबीपी न्यूज़ ने बात की, प्रखर ने अपने द्वारा बस्तर पर बनाये गए रैप को भी सुनाया , प्रखर सिंह के द्वारा आमचो बस्तर पर बनाई गई यह रैप पुरे सोशल मीडिया में धूम मचा रही है, वही इस रैप से प्रदेश के मुख्यमंत्री भी काफी प्रभावित हुए, प्रखर की तरह ही अब आदिवासी युवा युवती भी अपनी कलाओं को इस बस्तर आर्ट गैलरी कलागुड़ी के माध्यम से उभार रहे हैं.


 बस्तर की बेटी भक्ति पटेल की भी पेंटिंग्स कला गुड़ी में मुख्य आकर्षण का केंद्र बनी हुई है, 18 साल की युवती भक्ति पटेल ने एक हजार से भी अधिक ऐसे पेंटिंग्स बनाए हैं जो काफी प्रचलित हो रहे हैं, इन पेंटिग्स में बस्तर के आदिवासियों के कला, उनकी वेशभूषा और सादगी झलक रही है, बकायदा कलागुड़ी में भक्ति पटेल के इस पेंटिंग्स का एग्जीबिशन भी किया गया है, यही नहीं 5 साल के बच्चों से लेकर युवा वर्ग के सभी लोगों के लिए कलापाठ, कार्यशाला और प्रशिक्षण के लिए खुली है, कला प्रेमी , आंतरिक सज्जाकार, कला संग्रहकर्ता अब इस बस्तर आर्ट गैलरी में समकालीन और जनजातीय कला रूपों को खरीदने के लिए भी आ रहे हैं.


ओपन स्टेज से मिल रही पहचान
बस्तर कलेक्टर रजत बंसल ने बताया कि बस्तर की परंपरा, संस्कृति और कलाकृतियां पूरे दुनिया के लोगों को अपनी और आकर्षित करती है, बस्तर आर्ट का बाजार देश के बड़े शहरों सहित दुनिया के कई देशों में फैला हुआ है, हमेशा से बस्तर घूमने आने वाले पर्यटक यहां के पर्यटन स्थलों का लुफ्त उठाते थे लेकिन उन्हें बस्तर को समझने और यहाँ के आदिवासियों के द्वारा निर्मित कलाओं को देखने के लिए स्थान नही होता था.




इसे ही ध्यान में रखते हुए बस्तर आर्ट गैलरी का निर्माण किया गया, जहां बस्तर के कलाकारों के द्वारा बनाई गई सारी कलाकृतियां प्रदर्शनी के माध्यम से लगाने के साथ यहां के युवाओं के लिए ओपन स्टेज बनाया गया है. जहां स्थानीय युवा अपनी कलाओं का प्रदर्शन करते हैं. कलेक्टर ने कहा कि ओपन स्टेज के माध्यम से युवाओं के प्रतिभाओं को निखारना है साथ ही आने वाले समय में बस्तर के युवा भी केवल प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपनी प्रतिभा को खुले मंच में दिखा सके इसके लिए उन्हें मंच दिया गया है,जहां युवा ओपन स्टेज के माध्यम से गायन, डांस ,पेंटिग्स और अन्य विधाओं में अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्हें अच्छी पहचान भी मिल रही है.