Bastar News छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के एक सरकारी स्कूल में प्राचार्य के द्वारा छात्रों से अवैध पैसे वसूली करने का मामला सामने आया है. दरअसल छात्रों से प्रवेश शुल्क के नाम से पहले 700 रुपये, परीक्षा शुल्क के नाम पर 1 हजार रुपए और रिजल्ट के लिए 600 की मांग की गई. पैसे नहीं देने पर टीसी देकर स्कूल से निकालने की धमकी देने के साथ रिजल्ट भी नहीं देने की चेतावनी दी. कई छात्रों ने डर से  पैसे भी जमा कर दिए, जिसके बाद इसकी जानकारी एनएसयूआई छात्र संगठन को लगी और एनएसयूआई के छात्रों ने स्कूल पहुंचकर जमकर बवाल मचाया.


छात्र संगठन ने छात्रों को उनके पैसे वापस लौटाने की मांग की.  काफी हो हंगामे के बीच खुद जिला शिक्षा अधिकारी को भी मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा. प्राचार्य की अवैध वसूली पर एक टीम गठित कर जांच करने की बात कही. उन्होंने जांच के बाद कड़ी कार्यवाही करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद NSUI के छात्रों  ने अपने प्रदर्शन को समाप्त किया.

NSUI ने स्कूली छात्रों के पैसे वापस कराये
एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष विशाल खम्बारी और महासचिव मनोहर सेठिया ने बताया कि उन्हें छात्रों से जानकारी मिली की तोकापाल ब्लॉक के पोटानार हाई स्कूल में प्राचार्य के द्वारा बच्चों से फीस के नाम पर मनमाने पैसे वसूले जा रहे हैं. प्राचार्य के द्वारा जमकर अवैध वसूली की जा रही है, और नहीं देने पर स्कूल से निकालने की धमकी दी जा रही है. जानकारी मिलने के बाद तुरंत एनएसयूआई छात्र संगठन पोटानार स्कूल पहुंची.

'700 रुपये परीक्षा शुल्क के नाम पर 1 हजार'
छात्रों से पूछताछ के दौरान पता चला कि स्कूल में प्रवेश शुल्क के नाम से 700 रुपये परीक्षा शुल्क के नाम पर 1 हजार रु और रिजल्ट जारी करने के नाम पर 600 रु की वसूली की जा रही है. कई छात्रों ने राशि जमा भी कर दी है. जबकि नियम के मुताबिक सरकारी स्कूल में इतनी राशि नहीं ली जाती है, लेकिन प्राचार्य के द्वारा पूरी तरह से अवैध वसूली किया जा रहा था. एनएसयूआई के छात्रों के प्रदर्शन के बाद प्राचार्य के द्वारा छात्रों को पैसे लौटाए गए. वहीं छात्र संगठन ने मांग की है कि वसूली करने वाले प्रिंसिपल पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए.

प्राचार्य के खिलाफ होगी जांच
इधर जानकारी मिलने के बाद खुद जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान भी मौके पर पहुंची और छात्रों से जानकारी ली. जिसके बाद उनकी मौजूदगी में प्रिंसिपल ने सभी छात्रों के पैसे वापस लौटाए. जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि खंड शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम बनाई जा रही है, और इस टीम के द्वारा पूरे मामले की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि सप्ताह भर के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है. जांच में दोषी पाए जाने पर प्राचार्य के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी.