Bastar  Anganwadi School News: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में भी आंगनबाड़ी केन्द्रों में पिछले कुछ महीनों से रेडी टू ईट की सप्लाई बंद हो गयी है, जिससे बस्तर को कुपोषण मुक्त करने का दावा फेल साबित हो रहा है, दरअसल बस्तर के ग्रामीण अंचलों में बढ़ते कुपोषण के प्रतिशत को ध्यान में रखते हुए बच्चों और गर्भवती महिलाओं को सुपोषित आहार दिया जाना है, लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों में केवल दाल चावल और पोहा ही पहुंच पा रहा है, इन आंगनबाड़ी केंद्रों में चस्पा किए गए मेनू चार्ट के हिसाब से किसी भी आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को पोषण आहार नहीं मिल पा रहा है.


इन आंगनबाड़ी केंद्रों के कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऊपर से ही रेडी टू ईट की सप्लाई बंद हो गई है, इस वजह से गर्भवती महिलाओं को भी रेडी टू ईट नहीं मिल पा रहा दोबारा कब इन आंगनबाड़ी केन्द्रों में रेडी टू ईट वितरण किया जाएगा इसकी भी इन्हें कोई जानकारी नहीं है, सबसे बुरा हाल बस्तर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों का है, जहां बच्चों को खाने में केवल दाल चावल ही दिया जा रहा है, कई केन्द्रों में ना तो इन बच्चों के लिए  सब्जी बनाई जा रही है और ना ही पोहा के अलावा कोई और नाश्ता की व्यवस्था है, ऐसे में महिला बाल विकास विभाग द्वारा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर को कुपोषण मुक्त करने के दावे फेल साबित हो रहे हैं.


"हरिक नानी बेरा" योजना हुई बंद
दरअसल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के  बाद बस्तर में भी आंगनबाड़ी केंद्रों  में  मुख्यमंत्री सुपोषण मिशन "हरिक नानी बेरा" ( खुशहाल बचपन) अभियान पूरी तरह से दम तोड़ती दिख रही है, दरअसल इस अभियान के तहत बस्तर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले कुपोषित बच्चों और सामान्य बच्चों को सुपोषित आहार देना था, इसमें अंडा, दूध, रोटी सब्जी, चावल सब्जी, फल्ली लड्डू ,महुआ के लड्डू को शामिल किया गया था, लेकिन पिछले कई महीनों से बच्चों को पोषण आहार नहीं मिल रहा है.


आलम यह है कि बस्तर के आंगनबाड़ी केन्द्रों में केवल बच्चों को एक दिन पोहा और भोजन में दाल चावल ही परोसा जा रहा है ,हालांकि यहां के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों को दाल चावल के साथ सूखी सब्जी और हरी सब्जी खिलाने की बात कह रहे हैं, लेकिन एबीपी लाइव के रियलिटी चेक में कहीं भी बच्चों को दाल चावल के साथ सब्जी देते नहीं पाया गया, वहीं कई आंगनबाड़ी केन्द्रों में राशन की स्टॉक भी समाप्त होने को है.


बस्तर में भी रेडी टू ईट की सप्लाई हुई बंद
वहीं आंगनबाड़ी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि पिछले कुछ महीने से उन्हें रेडी टू इट नहीं मिल रहा है, इसकी सप्लाई बंद कर दी गई है, दरअसल रेडी टू ईट कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को सरकार की तरफ से दी जाने वाली प्रोटीन से भरा पोषण आहार है, लेकिन आलम यह है कि बस्तर जिले में कहीं भी रेडी टू ईट इन आंगनबाड़ी केंद्रों में नहीं दिया जा रहा है, कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऊपर अधिकारियों से इसकी मांग करने पर जल्द ही दोबारा सप्लाई करने की बात  कही जा रही है लेकिन बीते कुछ महीने से रेडी टू ईट इन आंगनबाड़ी केन्द्रों में नहीं पहुंच रहा है.


वहीं बाल विकास विभाग के अधिकारी अरुण कुमार पांडे  भी जल्द ही आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट सप्लाई करने की बात कह रहे हैं ,अधिकारी ने बताया कि फिलहाल कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इन आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को दिए जाने वाले अंडा ,मूंगफली के लड्डू और महुआ लड्डू की योजना  संचालित नहीं हो रही है.


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