Surguja News: तालाब के नाम पर चढ़ा दी एक हजार पेड़ों की बलि, वन विभाग इंजीनियर पर मढ़ रहा आरोप, जानें- पूरा मामला
जंगल बचाओ अभियान से जुड़े ग्राम ललितपुर के लोगो का कहना है कि वो आपस मे चंदा करके जंगल की रखवाली कराते हैं. इस संबंध में पारस सोनवानी ने बताया कि प्रत्येक लोगो से पांच-पांच किलो चावल चंदा के रूप में लिया जाता है.
Surguja News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में जंगलों की रक्षा करने वाले वन विभाग पर ही अब वनों की अवैध रूप से कटाई का आरोप लग रहा है. आरोप है कि वन विभाग ने महज दो दिनों में एक हजार से अधिक बेशकीमती पेड़ों को मशीनों की सहायता से कटवा दिया. वन विभाग जंगल में तालाब का निर्माण करवाने जा रहा है और इसके लिए ही पेड़ों की बलि दी गई है लेकिन तालाब निर्माण और पेड़ों की कटाई की जानकारी पंचायत व स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी नहीं दी गई. अब ग्रामीणों ने मामले की शिकायत एसडीएम सीतापुर से करते हुए जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. इधर इस मामले में वन विभाग का कहना है कि बेरोजगार इंजीनियर को तालाब निर्माण का कार्य दिया गया था लेकिन वह मशीन लेकर पहुंच गया और पेड़ काट दिए. फिलहाल वन विभाग ने बेरोजगार इंजीनियर के वाहन को जब्त कर लिया है और आगे की जांच भी जारी होने की बात कही जा रही है.
जानकारी के अनुसार सीतापुर परिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले ललितपुर पंचायत के जामपानी चेप्टासरई में दो दिनों के भीतर वन विभाग द्वारा ठेकेदार के माध्यम से चैन माउंटेन जेसीबी व अन्य मशीनों की सहायता से एक हजार से अधिक सरई व अन्य पेड़ों की कटाई कर दी गई. पेड़ों की कटाई की जानकारी जब ग्रामीणों को मिली तो उन्होंने इसका विरोध किया और मामले की जानकारी पुलिस प्रशासन को दी. लेकिन शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई. ऐसे में आक्रोशित ग्रामीणों ने खुद मौके पर एकत्रित होकर काम बंद कराने की कोशिश की गई. उन्होंने मामले की शिकायत एसडीएम से की है.
ग्रामीणों का आरोप है कि जब उन्होंने मौके पर जाकर पूछताछ की तो पता चला कि उक्त स्थान पर तालाब का निर्माण कराया जाना है. ग्रामीणों का कहना है कि जामपानी चेप्टासरई जंगल मे 17 लाख की लागत से तालाब का निर्माण कराया जाना है. जिसके लिए वन विभाग द्वारा निविदा आमंत्रित की गई थी. तालाब निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बाद तालाब का निर्माण ठेकेदार द्वारा कराया जाना था. तालाब निर्माण के लिए वन विभाग ने जिस जगह का चयन किया था. वहां पहले से ही तालाबनुमा गड्ढा मौजूद था. जिसके चारो तरफ घने जंगल मौजूद थे. वन विभाग की इस लापरवाही से वहां मौजूद पेड़ो की बलि चढ़नी तय है. यह बात जानते हुए भी अधिकारीयो ने स्थल परिवर्तन करना उचित नहीं समझा. ठेकेदार ने जंगल मे तालाब बनाने से पहले बगैर अनुमति पोकलेन मशीन के जरिये साल सरई एवं अन्य प्रजाति के 1 हजार से अधिक पेड़ो की बलि चढ़ा दी. ग्रामीणों ने काम बंद कराते हुए मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. एसडीएम रवि राही ने भी मामले में जांच कर दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
चंदा कर गांव वाले कराते हैं जंगल की रखवाली
जंगल बचाओ अभियान से जुड़े ग्राम ललितपुर के लोगो का कहना है कि वो आपस मे चंदा करके जंगल की रखवाली कराते हैं. इस संबंध में पारस सोनवानी ने बताया कि प्रत्येक लोगो से पांच-पांच किलो चावल चंदा के रूप में लिया जाता है. एकत्रित चावल जंगल की रखवाली करने वाले चौकीदार को दिया जाता है. जयमंत तिर्की ने बताया कि वनभूमि में कब्जे का उसके पास का 1962 का पट्टा है. इसके बाद भी में या मेरे परिवार के लोगो ने कभी वनभूमि पर अपना कब्जा नहीं जमाया. हमारा एक मात्र उद्देश्य है. जंगल की रक्षा करना. जिसके तहत गांव का कोई भी व्यक्ति न जंगल से लकड़ी काटता है और ना ही जंगल मे आग लगाता है. इसके बाद भी वन विभाग वाले अपने स्वार्थ के लिए जंगल की कटाई करवाते है तो हम इसका डटकर विरोध करते है. वही जूलिया खलखो ने बताया कि यह जंगल आज भी इतना हरा भरा इसलिए है क्योकि सारे गांववाले मिलकर इसकी रक्षा करते है. हमारा जंगल हमारा अभिमान है.
इस संबंध में डीएफओ पंकज कमल ने कहा कि तालाब निर्माण का कार्य कराया जाना है. तालाब निर्माण का कार्य बेरोजगार इंजीनियर को दिया गया था. पेड़ों को काटने की शिकायत मिली है. वाहन को जब्त कर लिया गया है और मामले की जांच चल रही है. जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.