Ambikapur News: सरगुजा जिले का अग्निशमन विभाग नए संसाधनों के साथ नई चुनौतियों के लिए धीरे-धीरे तैयार हो रहा है. यहां सभी आधुनिक उपकरण उपलब्ध होने के बाद पानी के टैंकर वाला अग्निशमन विभाग छोटी-बड़ी सभी चुनौतियों के लिए मुस्तैद है. वहीं स्वीकृत बल के मुकाबले सिर्फ चौथाई भर की उपलब्धता से गर्मी के मौसम में नई चुनौतियां हो सकती है.
दशकों तक नगर पालिका और निगम के भरोसे चलने वाले सरगुजा का अग्निशमन विभाग सितंबर 2020 से होमगार्ड के अधीन हो गया. इसके बाद सतत् रिसर्च और निरंतर अभ्यास के चलते यह तत्परता से सहायता करने वाली आधुनिक अग्निशमन के रूप में बदल गई. विभाग के सभी 32 अनुभवी पुराने निगम के अग्निशमन कर्मी अब अनुभव के साथ प्रशिक्षण से पूरी तरह फिट और तकनीक के जानकार भी बन गए हैं. संभागीय होमगार्ड कमांडेंट राजेश पाण्डेय के नेतृत्व में साल 2020 से ही इन्हें बदलने और महानगरों के समान हर छोटी-बड़ी अग्नि कांड से निपटने के लिए पेशेवर बना दिया.
एक चौथाई कर्मियों के भरोसे
होमगार्ड विभाग द्वारा अधिग्रहण के बाद प्रशिक्षण और आधुनिक सुविधाएं तो मिली, लेकिन छह गाड़ियों के लिए स्वीकृत 90 स्टाफ के मुकाबले अभी मात्र 22 स्टाफ के भरोसे ही चल रहा है. यहां अग्निशमन में 32 कर्मी मौजूद हैं, मगर उनमें से भी 10 कर्मचारियों को हवाई अड्डे पर तैनात किए जाने से समस्या और बढ़ गई है. आमतौर पर एक वाहन को तीन शिफ्ट में चलाने के लिए 15 स्टाफ की आवश्यकता होती है और छह वाहन के लिए 90 कर्मचारियों की जरूरत होती है. यहां 22 स्टाफ के भरोसे कुछ जगह पर ही त्वरित सहायता दी जा रही है, लेकिन एक से ज्यादा घटना पर दिक्कत होना तय है.
अब आ रही है नई चुनौती
सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर सहित संभाग के छह जिलों में प्राइवेट अस्पताल, सिनेमाहॉल, बहुमंजिली इमारतें और व्यवसायिक कॉम्पलेक्स धड़ाधड़ बन रहे हैं. यहां फायर शेफ्टी की अनिवार्यता और अनदेखी के चलते चुनौती अभी भी बरकरार है. अधिकांश अस्पताल और बड़ी इमारतों में अभी तक सुरक्षा के उपाय नहीं किए गए हैं और न ही फायर विभाग से एनओसी ही ली गई है. बहुमंजिली इमारतों के लिए सुरक्षा उपकरण की भी जरूरत है.
विश्व अग्नि निरोधक दिवस पर विशेष
साल 2020 से पहले अग्निशमन उपकरण के अभाव में हर बड़ी घटनाओं में एसईसीएल विश्रामपुर और बिलासपुर पर निर्भर रहने वाला सरगुजा का अग्निशमन विभाग अब होम टेंडर से लैस छह बड़ी अग्निशमन वाहन और पावर बाइक के साथ आत्मनिर्भर हो गई. इस वजह से अग्निशमन विभाग संभाग के सभी छह जिलों को त्वरित सहायता पहुंचाने के लिए तैयार है. बीते तीन वर्षों में संभाग मुख्यालय अंबिकापुर सहित आसपास के क्षेत्रों में बड़ी घटनाओं के लिए त्वरित सहायता पहुंचा कर विभाग ने अपनी सार्थकता भी सबित कर दी है.
रिक्त पदों पर शीघ्र होगी भर्ती
अग्निशमन प्रभारी और संभागीय होमगार्ड कमांडेंट राजेश पांडेय ने कहा कि स्टाफ की कमी के बावजूद हम उपलब्ध दल के साथ एसडीआरएफ की मदद से हमेशा मुस्तैद रहते हैं. अंबिकापुर के लाइफ लाइन हॉस्पिटल, जशपुर जिले के कुनकुरी में हुए वृहद अग्निकांड पर बगैर किसी क्षति के नियंत्रण पाना हमारी बड़ी सफलता है. उन्होंने बताया कि स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया जारी है. साथ ही ये उम्मीद है कि बड़ी इमारतों के लिए हाइड्रोलिक सीढ़ी वाले वाहन शीघ्र विभाग को मिलेगा.
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