Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) में इन दिनों मौसमी बीमारी ने हाहाकार मचा कर रखा है. बस्तर जिले में हर रोज डेढ़ सौ से 200 मरीज इस मौसमी बीमारी के चपेट में आ रहे हैं और अस्पतालों में सैकड़ों मरीजों की इलाज करवाने के लिए भीड़ लगी हुई है. सरकारी अस्पतालों के ओपीडी में सबसे ज्यादा बुरा हाल है जहां डॉक्टरों के नहीं मिलने से मरीज काफी परेशान हो रहे हैं और उन्हें तुरंत इलाज नहीं मिल पा रहा है. सबसे ज्यादा 3 साल से लेकर 10 साल के बच्चे इस मौसमी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. इसके अलावा बुजुर्गों, महिला और पुरुषों में बीमारी का असर देखने को मिल रहा है. ज्यादातर मरीजों को वायरल फीवर, सर्दी, खांसी, पेट दर्द और सिरदर्द जैसी बीमारी से जूझना पड़ रहा है. 


डॉक्टरों का कहना है कि मौसम में अचानक बदलाव की वजह से लोग इस मौसमी बीमारी के चपेट में आ रहे हैं और सबसे ज्यादा लोगों में वायरल फीवर की शिकायत मिल रही है. फिलहाल सभी मरीजों को समय पर इलाज मिले इसकी पूरी कोशिश की जा रही है. वहीं बच्चों का भी खास ख्याल रखने को कहा गया है. डॉक्टरों ने कहा कि इस मौसमी बीमारी में सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों को पड़ता है. ऐसे में परिजनों से भी बच्चों का खास ख्याल रखने की अपील  की जा रही है.


हर रोज बढ़ रही मरीजों की संख्या
दरअसल  छत्तीसगढ़ के बस्तर में पिछले दो सप्ताह में मौसम में अचानक बदलाव आने की वजह से तेज धूप और गर्मी से लोग परेशान हैं और बीते कुछ दिनों से तापमान में भी बढ़ोतरी हुई है, जिस वजह से लोग मौसमी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. ज्यादातर लोग वायरल फीवर की चपेट में आ रहे हैं. यहां बच्चे, बूढ़े से लेकर सभी इस मौसमी बीमारी से परेशान हैं. इस वजह से शहर के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए मरीजों की लंबी लाइन लगी हुई है.


स्वास्थ विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक हर रोज डेढ़ सौ से 200 मरीज इलाज करवाने के लिए ओपीडी में पहुंच रहे हैं. शहर के महारानी अस्पताल से लेकर डीमरापाल जिला अस्पताल में भी बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. बीते 15 दिनों में 2 हजार से ज्यादा मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंच चुके हैं. दोनों अस्पतालों की ओपीडी में डॉक्टरों के नदारद रहने से मरीज काफी हताश भी हो रहे हैं. इधर बस्तर के सरकारी अस्पतालों में पहले ही डॉक्टरों की कमी है और ऐसे में इन ओपीडी में डॉक्टर नहीं होने की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. 


अस्पताल अधीक्षक ने क्या बताया
अस्पताल अधीक्षक अनूरूप साहू का कहना है कि कोशिश की जा रही है कि अस्पताल पहुंच रहे सभी मरीजों को समय पर इलाज मिले, लेकिन मौसम में आए बदलाव की वजह से हर रोज मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में इनके इलाज के लिए व्यवस्था की जा रही है. साहू ने बताया कि सबसे ज्यादा बच्चे वायरल फीवर की चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ विभाग की टीम बच्चों के लिए खास सतर्कता बरत रही है और उनके लिए तुरंत इलाज के लिए व्यवस्था कर रही है.


इस मौसमी बीमारी के चपेट में आने से ज्यादातर मरीजों को वायरल फीवर, सिरदर्द, सर्दी, खांसी और बदन दर्द की शिकायत हो रही है. इस मौसम में खास ख्याल रखने की जरूरत है. वहीं गर्म पानी पीने के साथ खानपान का भी ध्यान रखने से मौसमी बीमारी की चपेट में आने से बचा जा सकता है, लेकिन फिलहाल शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जिस तरह से लगातार मौसमी बीमारी की वजह से मरीजों की संख्या बढ़ रही है, ऐसे में अस्पताल प्रबंधन व्यवस्था दुरुस्त करने में लगा हुआ है.


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