Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में बीते दिनों हुए बेमौसम बारिश के चलाते धान खरीदी प्रभावित हुई थी लेकिन बारिश रुकने और खामियों को ठीक करने के बाद अब फिर से धान खरीदी में तेजी आ गई है. एक महीने में 54 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है. लेकिन राज्य सरकार अब भी लक्ष्य से पीछे है. राहत इस बात की है इस वर्ष धान खरीदी केन्द्रों से धान उठाव का काम भी शुरू कर दिया है. इससे खरीदी केंद्रों धान सड़ने से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है.


बेमौसम बरसात से हुई थी धान खरीदी प्रभावित
दरअसल दिसंबर महीने के अंतिम सप्ताह में बेमौसम बारिश से धान खरीदी बुरी तरह से प्रभावित हुई थी. कई धान खरीदी केन्द्रों में धान बारिश में भीग गए थे. किसान धान खरीदी नहीं जा रहे थे लेकिन धान खरीदी केन्द्रों में अब फिर से किसानों की चहल-पहल बढ़ गई है. इन केन्द्रों में बड़ी मात्रा में धान की आवक हो रही है. धान खरीदी केन्द्रों को अब फिर से व्यवस्थित कर लिया गया है. खाद्य सचिव टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि राज्य के 2484 धान उपार्जन केन्द्रों से समर्थन मूल्य पर की जा रही धान खरीदी की नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जा रही है. मैदानी अमलों को यह निर्देश दिए गए हैं कि धान खरीदी कार्य में किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए. इसका विशेष ध्यान रखा जाए. सभी धान खरीदी केन्द्रों में बारिश से धान को सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक इंतजाम के लिए कहा गया है.


14 लाख किसानों से अब तक खरीदा गया 54.20 लाख मीट्रिक टन धान
अपको बता दें की राज्य में चालू धान खरीदी सीजन में 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. धान खरीदी केन्द्रों में 31 दिसम्बर तक सहकारी समितियों के माध्यम से 14 लाख किसानों से 54.20 लाख मीट्रिक टन की खरीदी की गई है. धान खरीदी केन्द्रों में खरीदे गये धान का मिलरों द्वारा उठाव किया जा रहा है. धान के उठाव के लिए 22.95 लाख मीट्रिक टन का डी.ओ. जारी किया जा चुका है और मिलर्स ने 18 लाख मीट्रिक टन एवं 4.95 लाख मीट्रिक टन धान परिवहनकर्ता द्वारा उठाव कर लिया गया है. इस प्रकार कुल डी.ओ. एवं टी.ओ. के माध्यम से 22.95 मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया गया है.


खाद्यान्न के परिवहन के लिए रेलवे की मदद
छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए रेलवे के अधिकारियों और खाद्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वर्चुवाल मीटिंग की है. मुख्य सचिव ने कस्टम मिलिंग के लिए अनुबंधित मिलो की पूरी मिलिंग क्षमता के साथ धान की मिलिंग करने और एफसीआई के निर्धारित रैक पाइंट तक पहुंचाने के निर्देश दिए है. उन्होंने कहा है कि आगामी दिनों में एफसीआई के गोदामों में प्रतिदिन 15 हजार मीटरिक टन चावल जमा करना सुनिश्चित किया जाए. एफसीआई को चावल के परिवहन के लिए जनवरी माह में भी रैक की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी को दिए गए है. चावल के परिवहन के लिए रेल्वे द्वारा उपलब्ध रैक के अतिरिक्त समान खाली कर वापस जाने वाले कॉनकॉर (कंटेनर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) के कंटेनर का भी उपयोग करने का सुझाव दिया है. 


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