Raipur News: रायपुर जिले में 8 गांव के किसान इस साल धान नहीं बेच पाएंगे धान, जानें वजह?
Paddy Procurement in Chattisgarh: रायपुर जिले में 8 गांव के किसान इस साल धान नहीं बेच पाएंगे क्योंकि कटाई से पहले खेतों में पानी भर गया है.
Paddy Procurement in Chattisgarh: छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होने जा रही है. इसकी तैयारी में प्रशासन जुटा हुआ है. लेकिन रायपुर जिले में 8 गांव के किसान इस साल धान नहीं बेच पाएंगे क्योंकि कटाई से पहले खेतों में पानी भर गया है. दरअसल, रायपुर शहर से 25 किलोमीटर दूर आरंग के पास दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मंडल लखोली रेलवे पुल बना रहा है. इसके लिए रेलवे ने धान कटाई से पहले लखोली के पास मुख्य नहर का पानी रोका दिया. अब महानदी मुख्य नहर में करीब 5 किलोमीटर दूर तक पानी भरा है जिसका असर नहर किनारे 8 गांवों के खेतों पर पड़ा है. किसानों ने दावा किया है की 300 एकड़ खेत में धान की फसल बर्बाद हो रही है. अब किसानों ने रेलवे से प्रति एकड़ 50 हजार रुपए मुआवजे की मांग की है.
फसल कटाई से पहले खेतों में भरा पानी
किसान पारसनाथ साहू ने बताया कि, छत्तीसगढ़ में दिवाली त्योहार के बाद से धान कटाई शुरू हो जाती. राज्य के किसानों ने धान की कटाई शुरू भी कर दी है. लेकिन महानदी मुख्य नहर के किनारे बसे 8 गांव के किसान परेशान हैं. उनकी फसल पक चुकी है और धान की कटाई आज- कल में किया जाना है. लेकिन अब ये पानी नहर से रिस रिस कर खेत में भर रहा है. किसानों ने बताया की कर्ज लेकर खेती कर रहे हैं. धान की फसल से घर चलता है और बच्चों की पढ़ाई होती लेकिन ये फसल बर्बाद हो गई.
रेलवे से प्रति एकड़ 50 हजार मुआवजे की मांग
किसानों ने रेलवे पुल का विरोध तो नहीं किया है लेकिन अचानक नहर रोकने का कड़ा विरोध जताया है. कर्ज लेकर खेती कर रहे किसानों ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से प्रति एकड़ 50 हजार मुआवजे की मांग की है. वहीं रेलवे के अधिकारियों पर अब सवाल उठ रहे हैं. आखरी पुल बनाने की ये कैसी जल्दबाजी थी की किसानों से बिना पूछे नहर रोक दिया गया. किसानों की माने तो 15 दिन बाद अगर रेलवे लखोली पुल निर्माण का काम करता तो किसानों को लाखों का नुकसान नहीं उठाना पड़ता.
छत्तीसगढ़ में एक दिसंबर से होगी धान खरीदी
प्रदेश में धान खरीदी खरीदी केंद्रों के माध्यम से 2021-22 के लिए समर्थन मूल्य पर धान खरीदने का काम शुरू हो जाएगा. इस बार सरकार ने 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का टारगेट रखा है. अब इस नुकसान से सरकार के टारगेट पर पर भी प्रभाव पड़ सकता है.
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