Chhattisgarh News: आज गणतंत्र दिवस देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर राजधानी दिल्ली में कर्तव्य पथ पर तिरंगा फहराया. वहीं बात छतीसगढ़ की तो वहां जगदलपुर के लालबाग मैदान में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ध्वजारोहण किया. एक तरफ छत्तीसगढ़ में गणतंत्र दिवस की खुशी मनाई जा रही है. वहीं दूसरी तरफ गणतंत्र दिवस की पूर्ण संध्या भी छत्तीसगढ़ के लिए खुशी की खबर लेकर आई. इस साल देशभर की हस्तियों को दिए जाने वाले पद्म पुरस्कारों में छत्तीसगढ़ से तीन नाम शामिल है.
छतीसगढ़ से इस बार तीन विभूतियों को पद्मश्री सम्मान के लिए चुना गया है. जिसमें जशपुर के जागेश्वर यादव, रायगढ़ के रामलाल बरेठ और नारायणपुर के हेमचंद मांझी का नाम शामिल है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की तरफ से भी इन तीनों विभूतियों को बधाई दी गई है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि जशपुर के जनजातीय कल्याण के लिए समर्पित जशपुर के सामाजिक कार्यकर्ता जगेश्वर यादव, जिन्होंने नंगे पैर रहने का संकल्प लेकर सरगुजा अंचल के साथ रायगढ़ बिरहोर पहाड़ी कोरवा जनजाति के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित किया एवं नारायणपुर के वैद्यराज हेमचंद मांझी को पद्मश्री सम्मान के लिए चुना जाना छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित करने वाला है.
मुख्यमंत्री ने और क्या कहा?
सीएम साय ने कहा कि आप दोनों के सराहनीय कार्यों से पूरा छत्तीसगढ़ गर्व महसूस कर रहा है. आपके सेवा कार्यों को प्रणाम करता हूं. आपके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं. वहीं मुख्यमंत्री ने एक ओर पोस्ट कर लिखा कि कथक के उम्दा नर्तक, अकादमी पुरस्कार विजेता रायगढ़ के पं. रामलाल बरेठ को 'पद्मश्री' सम्मान मिलने की सूचना पाकर अत्यंत प्रसन्नता हुई.
आपको बता दें कि 67 साल के जागेश्वर को बिरहोर के भाई के नाम से भी जाना जाता है. आदिवासियों की भलाई के लिए जागेश्वर ने अपना समस्त जीवन पहाड़ी कोरवा और विलुप्ति की कगार पर खड़े बिरहोर के उत्थान के लिए लगा दिया. वहीं हेमचंद मांझी को लोग वैद्यराज मांझी के नाम से भी जानते है. हेमचंद पिछले 50 सालों से गांववालों को स्वास्थ्य सुविधाएं दे रहे है. उन्हें घने जंगलों में पाई जाने वाली हर्ब के विशेष ज्ञान के लिए भी जाना जाता है.
यह भी पढ़ें: Chhattisgarh: बिजापुर में मासूम की मौत पर CM साय का बड़ा बयान, बोले- 'जो भी दोषी होंगे...'