(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Narayanpur: पद्मश्री वैद्यराज हेमचंद्र मांझी को नक्सलियों ने दी जान से मारने की धमकी, जल्द मिलेगी वाई श्रेणी की सुरक्षा
Hemchand Manjhi: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर से बड़ी खबर सामने आई है. यहां पद्मश्री वैद्यराज हेमचंद्र मांझी को नक्सलियों ने जान से मारने की धमकी दी है. वे सालों से गंभीर बीमारियों का उपचार करते हैं.
Padma Shri Hemchand Manjhi: पद्म श्री वैद्यराज हेमचंद्र मांझी को नक्सलियों ने फिर जान से मारने की धमकी दी है. नक्सलियों ने धमकी भरा पत्र जारी किया है. नक्सलियों ने हेमचंद माझी पर निको कंपनी से सांठ गांठ करने का आरोप लगाकर पैसे के लालच में आयरन ओर प्लांट को स्थापित करने में कंपनी की मदद करने का आरोप लगाया है, हालांकि वैधराज हेमचंद मांझी ने नक्सलियों के इन आरोपो को सिरे से नकार दिया है.
दरअसल पद्मश्री हेमचंद माझी पिछले 30 सालों से जंगलों में मिलने वाले जड़ी बूटियों से दवाई बनाकर ग्रामीणों का नि:शुल्क उपचार कर रहे हैं. इस सेवा भाव को देखते हुए हाल ही में राष्ट्रपति द्वारा हेमचंद मांझी को पद्मश्री से सम्मानित किया गया.
हेमचंद माझी के भतीजे की भी नक्सलियों ने हत्या कर दी थी
लेकिन पिछले कई सालों से हेमचंद माझी नक्सलियों के निशाने पर हैं कुछ साल पहले हेमचंद माझी के भतीजे की भी नक्सलियों ने हत्या कर दी थी. इस वजह से हेमचंद मांझी को अपना पैतृक गांव छोटे डोंगर को छोड़ना पड़ा था और वह अब नारायणपुर शहर में एक किराए के मकान में रह रहे हैं. हालांकि नक्सलियों से सुरक्षा के लिए उन्हें तीन सुरक्षा गार्ड पुलिस प्रशासन की ओर से जरूर मिले हैं,लेकिन हेमचंद मांझी का कहना है कि वे अब नारायणपुर में नहीं रहना चाहते हैं और वह सुरक्षा के बीच छोटे डोंगरगांव में ही रहना चाहते हैं,
नाराज हेमचंद मांझी ने अब लोगों का इलाज भी छोड़ने की बात कह डाली है, इधर जैसे ही यह मामला छत्तीसगढ़ गृह विभाग तक पहुंचा तुरंत हेमचंद मांझी के सुरक्षा के लिए आदेश जारी करते हुए वाय (Y) श्रेणी की सुरक्षा देने के आदेश गृह विभाग ने जारी किए हैं. हालांकि कुछ दिनों में यह सुरक्षा हेमचंद मांझी को मिलेगी.
'झूठा आरोप लगा रहे हैं नक्सली'
पद्मश्री वैधराज हेमचंद मांझी ने बताया कि वे अपने परिवार के साथ छोटे डोंगर में अपना जीवन गुजर कर रहे थे. जंगलों में मिलने वाली जड़ी बूटियों से दवाई तैयार कर ग्रामीणों का नि:शुल्क इलाज पिछले 30 सालों से कर रहे हैं. उनके पास केवल छत्तीसगढ़ से ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों से भी कैंसर के इलाज के लिए दवाई लेने मरीज पहुंचते हैं. पद्मश्री हेमचंद मांझी का कहना है कि नक्सली उन पर झूठा आरोप लगा रहे हैं.
निक्को कंपनी से साठ गांठ और आयरन ओर प्लांट के स्थापना को लेकर इसके पीछे उनका कोई हाथ नहीं है. अगर नक्सलियों के पास कोई सबूत है तो उसे पेश करें. हेमचंद मांझी का कहना है कि बार-बार नक्सलियों का इस तरह से धमकी भरा पत्र जारी करना और कुछ साल पहले उनके भतीजे पर भी इसी तरह का आरोप लगाकर हत्या करने से वे मानसिक रूप से काफी प्रताड़ित हो चुके हैं, वहीं पिछले कई सालों से अपना घर बार छोड़कर नारायणपुर शहर में एक किराए के मकान में रहने को मजबूर हैं.
वहीं सोमवार को फिर नक्सलियों द्वारा पत्र जारी करने से नाराज हेमचंद मांझी ने अपने पदम् श्री सम्मान को वापस लौटाने की बात कही, साथ ही अब ग्रामीणों का इलाज भी छोड़ने की बात कह डाली है, हालांकि उनकी नाराजगी को देखते हुए तुरंत छत्तीसगढ़ सरकार के गृह विभाग ने हेमचंद मांझी की सुरक्षा बढ़ाने का आदेश जारी किया है और अब उन्हें वाय श्रेणी की सुरक्षा देने के आदेश दिए हैं.
गृह विभाग ने दी Y श्रेणी की सुरक्षा
नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार का कहना है कि पद्मश्री हेमचंद मांझी के नाम नक्सलियों ने जो पत्र जारी किया है उसे पुलिस ने बरामद कर लिया है, हालांकि वह अभी नारायणपुर शहर में पूरी तरह से सुरक्षा में है, वहीं गृह विभाग से आदेश के मिलने के बाद जल्द ही उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी.
हालांकि हेमचंद मांझी के वापस अपने गांव छोटे डोंगर जाने के सवाल पर एसपी ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. फिलहाल वाय श्रेणी की सुरक्षा बढ़ाए जाने के बाद अब पद्मश्री वैधराज हेमचंद माझी अपने इस पद्मश्री सम्मान को सरकार को वापस लौटाते हैं या नहीं यह आगे देखने वाली बात होगी, फिलहाल बताया जा रहा है कि नाराज हेमचंद मांझी को फोन के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार के बड़े जनप्रतिनिधियों के साथ ही आला अधिकारी भी मान मुन्नवल में लगे हुए हैं.
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