Conversion In Chhattisgarh: भारत देश को हिंदू राष्ट्र बनाने और छत्तीसगढ़ में हो रहे धर्मांतरण को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में स्थित दंतेश्वरी शक्तिपीठ से संतों ने महाशिवरात्रि के मौके पर पदयात्रा की शुरुआत की है. चार शक्तिपीठों से पहुंचे संतों ने रायपुर के लिए पदयात्रा शुरू कर दी है. संतों ने दंतेवाड़ा में स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर में पूजा अर्चना और हवन करने के बाद यहां से पदयात्रा की शुरुआत की. इस पदयात्रा में संत कौशल रामनामी और राम भगत रामनामी पहुंचे. पहली बार छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा पहुंचे इन दोनों संतों का विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिंदू संगठनों द्वारा स्वागत किया गया.


दोनों ही संतों ने मां दंतेश्वरी की पूजा अर्चना की और इस पदयात्रा की शुरुआत कर दी है. संतों ने बताया कि महाशिवरात्रि के मौके पर 18 फरवरी से पदयात्रा की शुरुआत हो चुकी है, औऱ अगले महीने 17 मार्च को यह पदयात्रा राजधानी रायपुर में समाप्त होगी और 19 मार्च को रायपुर में वृहद स्तर पर संत समागम होगा, जिसमें एक लाख से ज्यादा संत पहुंचेंगे.


इस पद यात्रा को लेकर बस्तर के हिंदू संगठनों में भी जमकर उत्साह देखने को मिल रहा है. हिंदू राष्ट्र बनाने और धर्मांतरण को रोकने के साथ इस पदयात्रा का उद्देश्य सामाजिक समरसता और धार्मिक चेतना के साथ ही सनातन धर्म को लेकर लोगों को जागरूक करना है, इसके अलावा इस पदयात्रा के माध्यम से हिंदू धर्म की महत्वता बस्तर के गांव गांव और पूरे प्रदेश में पहुंचाना है.  लगभग 400 किलोमीटर की यह पदयात्रा करीब एक महीने बाद रायपुर पहुंचेगी और इस बीच सभी जिलों और गांव में इस पदयात्रा में शामिल संत कौशल रामनामी और राम भगत रामनामी व अन्य संतो का स्वागत किया जाएगा.


400 किलोमीटर की होगी संतों की पदयात्रा


संत कौशल रामनामी और राम भगत रामनामी ने बताया कि दंतेवाड़ा से इस पद यात्रा की शुरुआत की जा रही है. इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य हिंदू राष्ट्र बनाने और छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों में तेजी से हो रहे धर्मांतरण को रोकना है, जिस तरह से हिंदू धर्म को छोड़ कई लोग अपना धर्म परिवर्तन कर रहे हैं और अपने धर्म के प्रति जागरूक नहीं हैं. ऐसे लोगों को जगाने और उन्हें घर वापसी कराने के लिए इस पदयात्रा की शुरुआत की गई है, इस पदयात्रा में हर जिले से संत और विभिन्न हिंदू संगठनों के लोग जुड़ते जाएंगे और 17 मार्च को रायपुर में इस पद यात्रा का समापन होगा और 19 मार्च को संतों का समागम होगा.


जिसमें पूरे देश से करीब 1 लाख संत यहां पहुंचेंगे, इस पद यात्रा को लेकर सभी हिंदू संगठन समाज में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है, भारतवासी हमेशा से ही हिंदू राष्ट्र बनाना चाह रहे हैं और लालच में धर्म परिवर्तन कर रहे लोगों को रोकने के साथ उनकी घर वापसी भी कराना चाह रहे हैं, इसी उद्देश्य से पदयात्रा निकाली गई है, जिसमें सैकड़ों संत भी शामिल होंगे.


लव जिहाद को रोकने हिंदू समाज लेंगे संकल्प


इसके अलावा इस पदयात्रा के माध्यम से संतों के द्वारा सभी समाज के लोगों को यह संकल्प दिलाया जाएगा कि मेरे परिवार मेरे घर से मेरे समाज और मोहल्ले से कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन नहीं करें. संत ने कहा कि यह सामाजिक समस्या है और इसका निराकरण समाज ही करेगा, इसके अलावा उन्होंने कहा कि लव जिहाद को रोकने के लिए हिंदू समाज के परिवारों को यह संकल्प दिलाया जाएगा कि अपने परिवार में 7 दिन में एक बार जरूर सत्संग कराएं और अपने परिवार के सदस्यों को हिंदू संस्कृति, हिंदू देवी देवताओं के बारे में बताएं और उन्हें हिंदू धर्म विशेषता के बारे में ज्ञान दिया जाए.


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