Ambikapur News: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में काउंटर की कमी से मरीज परेशान, दवा के लिए करनी पड़ती घंटों मशक्कत
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सबसे अस्पताल अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में मरीज दवा के लिए घंटों धक्के खा रहे हैं. पर्याप्त दवा काउंटर नहीं होने के चलते मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
Ambikapur Medical College Hospital: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दवा काउंटर और कर्मचारियों के कमी के चलते मरीजों को लंबे कतार में घंटो मशक्कत करना पड़ता है. सरगुजा संभाग के सबसे बड़े चिकित्सालय होने के चलते दूसरे जिलों के भी मरीजों का दबाव बना रहता है. जिससे ओपीडी में मरीजों की भीड़ बने रहने के साथ दवा के लिए औषधि वितरण केंद्र के बाहर लंबी कतार लगी रहती है.
औषधि वितरण आवश्यकता के अनुरूप कर्मचारियों के नहीं होने से उपलब्ध कर्मचारी काफी तनाव में होते और सुबह नौ से ही उनकी व्यस्तता बढ़ जाती है. उन्हें लंच करने तक का भी समय नहीं मिल पाता है और दवा के लिए मरीजों की कतार ओपीडी बंद होने तक नहीं टूटती है. ऐसी स्थिति में औषधि वितरण केंद्र के कर्मचारी काफी तनाव में होते और बिना रुके लगातार ड्यूटी के कारण वे थक कर चुर भी हो जाते हैं. इधर मात्र दो काउंटर होने के कारण दवा के लिए मरीज और उनके परिजनों की लंबी कतार लगी रहती है.
शासन की तरफ से पर्ची में केवल जेनरिक दवा लिखने का निर्देश दिए जाने के बावजूद मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर मनमानी कर रहे हैं. पर्ची में यदि पांच दवाइयां लिखी जाती है तो उसमें से मात्र एक या दो दवा ही जेनरिक होती है, जबकि शेष दवा मरीजों को निजी दुकानों से महंगे दर पर खरीदना पड़ता है. मरीजों का कहना है कि उनकी परेशानी तब और बढ़ जाती है जब वे कतार में डेढ़ से दो घंटा धक्का खाने के बाद खिड़की में पहुंच पाते है और कर्मचारियों की तरफ से पर्ची देख यह कहा जाता है कि केवल एक या दो दवा ही यहां से मिलेगा. जबकि शेष दवा बाहर से लेना पड़ेगा. मरीजों और परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से जेनरिक दवा ही लिखे जाने की मांग की है.
विकलांग और बुजुर्ग मरीजों की परेशानी बढ़ी
पर्याप्त दवा काउंटर नहीं होने के चलते विकलांगों और बुजुर्गों को भी सामान्य मरीजों की कतार में धक्का खाना पड़ता है. जिसके चलते बुजुर्गों और विकलांगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार लंबे समय तक इंतजार करने के बाद भी भीड़ की वजह से बारी नहीं आने पर कई मरीज निजी दवा दुकान जाने के लिए मजबूर होते हैं. अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि अस्पताल परिसर में सीजीएमएससी के माध्यम से चार दवा काउंटर बनाए जा रहे हैं, जिसमें से दो काउंटर को पूर्ण होने के बाद दवा के वितरण के लिए आरंभ कर दिया है. जबकि शेष दो काउंटर का निर्माण भी अंतिम चरणों में है. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही शेष दो काउंटर भी बहाल कर दिए जाएंगे, जिससे मरीजों को राहत मिलेगी. डॉक्टरों को पर्ची में जेनरिक दवा ही लिखने कहा गया है.
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