Chhattisgarh: जीवित को मृत किया घोषित! 4 साल से पेंशन बंद, खुद के जिंदा होने का सबूत लेकर सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगा रहा वृद्ध
Chhattisgarh News: वृद्ध व्यक्ति अपने जीवित होने का सबूत देने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है. वह सरगुजा में जनदर्शन में इस लापरवाही की शिकायत करने पहुंचा.
Surguja News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में सिस्टम की लापरवाही ने जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया है. आलम यह है कि एक वृद्ध व्यक्ति अपने जीवित होने का सबूत लेकर 4 साल से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है. इसके बावजूद आज तक जीवित होने का सबूत नहीं मिल सका है. जिसकी वजह से वृद्ध को पिछले 4 साल से पेंशन नहीं मिल रहा है और वह आर्थिक स्थिति से जूझने को मजबूर है. अब वृद्ध ने कलेक्टर जनदर्शन में न्याय की गुहार लगाई है.
दरअसल, लुण्ड्रा विकासखंड के ग्राम रघुनाथपुर के रहने वाले गेदरू एक्का को वृद्धा पेंशन की राशि पिछले 2018 तक दिया गया, लेकिन कई दिनों बाद गेदरू एक्का अपने पेंशन की राशि लेने बैंक गया. तब बैंक वालों ने खाते में पैसे नहीं आने की सूचना दी. जिसके बाद वह जनपद कार्यालय पहुंचा, जहां पेंशन विभाग के अधिकारियों ने उसे उसकी ही मृत्यु हो जाने की जानकारी दी.
जिसके बाद से वृद्ध व्यक्ति अपने जीवित होने का सबूत देने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है. वृद्ध सरगुजा कलेक्ट्रेट परिसर में जनदर्शन में इस लापरवाही की शिकायत करने पहुंचा. यहां अधिकारियों ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को इसकी जानकारी दी जाएगी. जिसके बाद जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी.
गेदरू एक्का ने बताया कि कई साल से पेंशन नहीं मिल रहा है, उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है. इसलिए कलेक्टर से शिकायत किए हैं. उन्होंने बताया कि उसे मृत घोषित कर दिया गया है, इसलिए पेंशन नहीं मिलता है, लेकिन चावल मिलता है. ऐसा पांच साल हो गया है.
समाज कल्याण विभाग के उप संचालक डीके रॉय ने बताया कि लुण्ड्रा ब्लॉक का गेदरु एक्का को 2018 से पेंशन नहीं मिला है, उसके द्वारा बताया गया कि जब वह जनपद में गया था तो वहां के अधिकारियों ने बताया कि उसे मृत घोषित कर दिया गया है. लेकिन वह जिंदा है, इसका जांच होगी. इस प्रकरण को तत्काल जनपद सीईओ को भेजा जाएगा. जो भी दोषी होगा उसपर कार्रवाई भी की जाएगी. जांच कर पुनः पेंशन भी दी जाएगी.