Pradhan Mantri Awas Yojana in Chhattisgarh: मूलभूत सुविधाओं में रोटी, कपड़ा और मकान सबसे पहले आता है. आजादी के 75 साल बाद भी आज देश में एक बड़ी आबादी झुग्गी झोपड़ी में रहने को मजबूर है. इसको लेकर केंद्र सरकार ने 2022 तक देशभर में जरूरतमंद को पक्का मकान का लक्ष्य रखा है. लेकिन छत्तीसगढ़ लक्ष्य के करीब पहुंचते नहीं दिख रहा है. राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 7 लाख 81 हजार मकान नहीं बन पाएंगे. दरअसल केन्द्रीय ग्रामीण मंत्रालय के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ने प्रदेश के एसीएस को पत्र लिखकर राज्य में पीएम आवास योजना के परफॉर्मेंस को संतोषजक नहीं बताया है. केन्द्रीय ग्रामीण मंत्रालय ने वर्ष 2021-22 के लिए राज्य को आवंटित 7 लाख 81 हजार 999 मकान बनाने का लक्ष्य वापस ले लिया है.
केंद्र सरकार ने कहा है कि मंत्रालय की तरफ से बार बार दिशा निर्देश के बावजूद योजना की प्रगति में राज्य सरकार ने रुचि नहीं दिखाई. नए मकानों के पंजीयन से लेकर हितग्राहियों को नए मकान आवंटन और पहले आवंटित मकानों के निर्माण को लेकर राज्य सरकार संतोषजनक नतीजे देने में असफल रही है. आगे यह भी कहा गया है की 2019 से राज्यांश भी नहीं दिया गया है.
इधर, पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने तंज कसते हुए राज्य सरकार पर हमला किया है. रमन सिंह ने लिखा है कि कांग्रेस सरकार के निकम्मेपन के कारण गरीबों के घर नहीं बन पाएंगे. केन्द्रीय ग्रामीण मंत्रालय का पत्र पढ़िए और अंदाजा लगाइए कैसे सीएम भूपेश बघेल राज्य के गरीबों की उम्मीदों की हत्या कर रहे हैं. प्रदेश सरकार की लापरवाही के कारण पीएम आवास के 2021-22 में आवंटित 7 लाख 81 हजार से ज्यादा घर अब नहीं बन पाएंगे. हर समय केंद्र सरकार पर दोषारोपण करने वाले भूपेश बघेल आंखें खोलकर यह पत्र पढ़े! कैसे उनकी सरकार पीएम आवास के मकानों के निर्माण में फिसड्डी है, न नये रजिस्ट्रेशन किये न ही घरों की मंजूरी दी. यही कारण है कि केंद्र सरकार 2021-22 के लिए आवंटित लक्ष्य को वापिस ले रही है.
दूसरी तरफ, कांग्रेस ने डॉ रमन सिंह पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पिछले 3 साल से केंद्र सरकार राज्यांश में कटौती कर रही है. प्रवक्ता धनंजय ठाकुर ने रमन सिंहके ट्वीट पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा झूठ बोल कर राजनीति करने की आदी है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन की क्षमता केंद्र सरकार के पास नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि केंद्र सरकार की तरफ से जारी नहीं की जा रही है. इसके पहले भी 3 साल तक छत्तीसगढ़ के अंशदान में कटौती करने का काम केंद्र सरकार ने किया है. जिसका 13 हजार करोड़ रुपए व्यय भार राज्य सरकार पर अतिरिक्त पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय योजनाओं को चलाने में मोदी सरकार असफल है.
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