Chhattisgarh news: सुकमा जिले के फुलबगड़ी थाना क्षेत्र के इत्तापारा में बीते रविवार को नक्सलियों द्वारा वाहनों में आगजनी की घटना को अंजाम दिया था. ये वाहन PMGSY के तहत सड़क निर्माण में लगी थीं. इस घटना के बाद पुलिस सोमवार को फुलबगड़ी गांव से 9 ग्रामीणों को पकड़ कर थाने लाई है. जिसके कारण इत्तापारा गांव के ग्रामीण पुलिस से नाराज हैं और सैकड़ों ग्रामीणों ने थाने का घेराव किया है.
ग्रामीणों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है और कहा है कि जवानों के द्वारा की गई मारपीट में ग्रामीणों को गंभीर चोटें आई हैं. उन्होंने ये भी कहा कि जब तक नक्सली बताकर गिरफ्तार किए निर्दोष ग्रामीणों को रिहा नहीं किया जाता तब तक ग्रामीण थाने के सामने धरने पर बैठे रहेंगे.
दरअसल सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र फुलबगड़ी थाने के सामने बड़ी संख्या में इत्तापारा गांव के ग्रामीण अपने लोगों को रिहा कराने के लिए जमा हुए हैं, ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस नक्सली घटना में शामिल होने का झूठा आरोप लगाकर गांव के पोडियाम मुईया, पोडियाम लच्छा, दिरदो दुला, कलमू सोना, कलमू जोगा, सोढ़ी जोगा, माड़वी भीमा, कलमू देवा और कलमू सुक्का को पकड़ कर थाने लाई है.
ग्रामीणों का कहना है कि जिन्हें पुलिस पकड़ कर लाई है उनका नक्सलवाद से कोई लेना देना नहीं है, पूछताछ के नाम पर पुलिस उनके साथ रातभर मारपीट की है, जिससे सभी को काफी गंभीर चोट आई है.
पीड़ितों के परिजनों का बयान -
गिरफ्तार पोड़ीयाम मुईया का बेटा पोड़ियम अर्जुन ने बताया कि घटना के दूसरे दिन पुलिस के जवान इत्तापारा गांव पहुंचे और बेरहमी से मारपीट करते हुए उसके पिता के साथ गांव के अन्य 9 लोगों को थाने ले आये. ग्रामीण दिरदो जोगा, माड़वी लक्खा, दिरदो पोज्जा और दिरदो आयता का भी कहना है कि पुलिस हिरासत में रखे गये सभी ग्रामीण खेती किसानी करते है, और उनका नक्सलियों से कोई संबंध नहीं है.
सरपंच का आरोप - पुलिस ने ग्रामीणों को खूब पीटा
वहीं गांव के सरपंच मुईया कुहरामी ने बताया कि आगजनी की घटना में शामिल होने का झूठा आरोप लगाकर पुलिस ने गांव के 9 लोगों को बेरहमी से पीटा है, जिसके चलते कई लोग गंभीर रूप से घायल हो हुए हैं, पीठ और पैरों में लाठी के निशान बन गये हैं, एक भी ग्रामीण का नक्सली संगठन से कोई वास्ता नहीं है, सभी गांव में रहकर खेती किसानी करते है.
पुलिस का बयान - पूछताछ के बाद होगी रिहाई
इस मामले में फुलबगड़ी के थाना प्रभारी शैलेन्द्र दुबे का कहना है कि रविवार को हुए आगजनी की घटना को लेकर पूछताछ के लिए इत्तापारा से कुछ ग्रामीणों को लाया गया है. जिनमें हमारी के जांच के मुताबिक मिलिशिया कैडर और हत्या के आरोपी शामिल हैं, फिलहाल सभी से पूछताछ जारी है, और पूछताछ पूरी होने के बाद सभी को रिहा कर दिया जाएगा.