Bemetara News: बेमेतरा जिले के पुलिस प्रधान आरक्षक संदीप साहू ने बेमेतरा विधायक आशीष छाबड़ा पर मानसिक प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाया है. वहीं विधायक(MLA) आशीष छाबड़ा ने आरक्षक के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. वहीं मामले मे पुलिस आरक्षक ने राज्यपाल को ज्ञापन सौपकर न्यायिक जांच की मांग की है. पुलिस आरक्षक राज्यपाल के नाम दिए गए पत्र में लिखा है कि अगर उसे न्याय नही मिला तो परिवार के साथ विधायक के घर के सामने आत्महत्या कर लेगा.


जानिए क्या है पूरा मामला


दरअसल प्रधान आरक्षक संदीप कुमार साहू क्रमांक 487, पुलिस जिला बेमेतरा में पदस्थ हैं. संदीप साहू ने बताया कि मुझे पता चला कि 2 फरवरी 2023 को उनका जो ट्रांफ़र हुआ था उसके पिछे विधायक का हाथ है. बेमेतरा कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा के द्वारा गोपनीय तरीक़े से झूठा आरोप लगाकर एक लेटर डीजीपी को भेज गया है. उस लेटर में लिखा है कि हम लोग भ्रष्टाचार कर रहे हैं और टीका टिप्पणी करते हैं. इसके बाद से मैं मानसिक रूप से काफी परेशान हूं. विधायक के द्वारा मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. मैं ड्यूटी भी नहीं जा रहा हूं. मेरे सामने भूखे मरने की स्थिति पैदा हो गई है. मेरा वेतन भी रुक गया है. मेरी माता अक्सर बीमार रहती हैं जिनकी आंख का ऑपरेशन हुआ है. 


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पुलिस जवान ने लिखा- ट्रांसफर नहीं रुका तो परिवार के साथ कर लूंगा आत्महत्या


पुलिस आरक्षक संदीप साहू ने पत्र में लिखा है कि विधायक आशीष छाबड़ा के द्वारा डीजीपी को मेरे आचरण के बारे में लिखा गया है कि बार-बार लोगों से दुर्व्यवहार करता है और भ्रष्टाचार लिप्त होने की शिकायत लोगों द्वारा की गई है जिस पर आरक्षक को जिले से दुरस्त जगह पर ट्रांसफर किया जाए. डीजीपी ने कार्रवाई करते हुए मेरा ट्रांसफर कर दिया गया है. डीजीपी ने बिना किसी जांच और कथन के एकतरफा मेरा ट्रांसफर कर दिया है. जिससे मेरी छवि समाज में धूमिल हुई है. मैं राज्यपाल निवेदन करता हूं कि इस मामले की न्यायिक जांच हो और 20 दिनों के अंदर मेरा ट्रांसफर रुक जाए. अगर मुझे न्याय नहीं मिला तो मैं अपने पूरे परिवार के साथ कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा के घर के सामने आशीष छाबड़ा ज्ञापन का पोस्टर बनाकर आत्महत्या कर लूंगा.


विधायक बोले- आरोप निराधार है


वहीं पुलिस प्रधान आरक्षक संदीप साहू के आरोप पर बेमेतरा विधायक आशीष छाबडा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने ने कहा कि 
सरकार का सीधा आदेश है कि हर विभाग में जो अधिकारी काफी लंबे समय से एक जगह में पदस्थ हैं उनका स्थानांतरण करना है. ये तो सतत प्रक्रिया है. ट्रांसफर होते रहते हैं. उसमे कहीं कोई दो मत वाली बात ही नही है. और ये जो आरोप उन्होंने लगाए वो उनके सेवा आचरण के विपरीत है. मैं उनकी बड़े अधिकारियों से और DG, गृह मंत्री से मांग करूंगा कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाये. जो एक जनप्रतिनिधि और सरकार के खिलाफ आरोप लगा रहे है. कोई भी अधिकारी या कर्मचारी की नियुक्ति जब होती है तो कोई एक जगह के लिए नही होती है. स्थानांतरण उनका होता रहता है यह सतत प्रक्रिया है. मैं जनप्रतिनिधि के खिलाफ आरोप लगाना ये राजनीतिक द्वेष से प्रेरित है. उनके खिलाफ लगातार पूरे क्षेत्र में शिकायत मिल रही थी. और यह एक गोपनीय जोन का पुलिस विभाग का सर्वे होता है, उनके आधार पर भी ट्रांसफर हुआ है.


बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने क्या बोले?


इधर यह मामला अब राजनीतिक रूप लेने लगा है भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि बेमेतरा जिला के पुलिस आरक्षक संदीप साहू 'छत्तीसगढ़ रत्न' से सम्मानित हैं. कई बार ब्लड डोनेट किया है. उन्होंने तो आत्मदाह करने का राज्यपाल को पत्र लिखा है ये चिंता करने वाला है. किस प्रकार से बेमेतरा के विधायक उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं. ये बेमेतरा जिला वही जिला है जहां भुनेश्वर साहू नामक युवक की निर्ममतापूर्वक हत्त्या होती है. कांग्रेस के नेता किस प्रकार से थप्पड़ मारने के काम धमकाने का काम लगातार कर रहे है. राहुल गांधी ने तेली समाज के हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमान जनक शब्द का उपयोग किया तो क्या कांग्रेस पार्टी इस प्रकार से लगातार तेली समाज को अपमानित करने का कोई एजेंडा बनाकर काम कर रही है, ये लोग जानना चाहते है कि आखिर तेली समाज के साथ इस प्रकार की घटना क्यों हो रही है.