Raipur: छत्तीसगढ़ शिक्षा बोर्ड (CEB) की किताब पर राज्य में बवाल मच गया है. साधु-संत का अपमान मान कर ज्योतिष्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Avimukteshwarananda Saraswati) ने 5वीं क्लास की किताब में लिखी बातों का कड़ा विरोध किया है. अब इसने राजनीति रंग ले लिया है. एक तरफ बीजेपी (BJP) ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है तो दूसरी तरफ कांग्रेस (Congress) ने इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (Raman Singh) को जिम्मेदार ठहरा दिया है.
पांचवी की किताब को शंकराचार्य ने सभा में फाड़ा
दरअसल, छत्तीसगढ़ शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी 5वीं की किताब में 'चमत्कार' नाम से लिखे पाठ पर ये विवाद है. पाठ में उदाहरण के लिए साधु को कपटी बताया गया है. शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस तरह के पाठ से बच्चों के मन में साधुओं के प्रति जहर घोलने का आरोप लगाया है. इसके अलावा उन्होंने कवर्धा में अपनी सभा में सबसे सामने किताब को फाड़ दिया है. इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत करने और जोरदार विरोध करने की बात कही है.
साधुओं का अपमान करना कांग्रेस का हिडेन एजेंडा
किताब दी गई जानकारी पर अब बीजेपी और कांग्रेस आमने- सामने आ गए हैं. बीजेपी ने इसे साधु -संतो का अपमान बताया है. बीजेपी नेता गौरीशंकर श्रीवास (Gaurishankar Srivas) ने कहा कि सनातन धर्म को नीचा दिखाना और हिंदुओं को अपमानित करना कांग्रेस पार्टी का गुप्त एजेंडा है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की चुनी हुई सरकार पिछले 4 साल से सनातन धर्म को अपमानित करने का काम कर रही है. सोची समझी साजिश के तहत साधु- संतो को अपमानित किया जा रहा है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भारत जोड़ो यात्रा में पुजारियों को अपमानित कर रहे हैं यहां के मुख्यमंत्री जान बूझकर पाठ्यक्रम में इस प्रकार की चीज डाल रहे हैं.जबतक पाठ्यक्रम में बदलाव नहीं होगा हम कड़ा विरोध करेंगे.
रमन सरकार में ही ये पाठ पाठ्यक्रम में शामिल हुआ
बीजेपी के आरोप के बाद कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस ने बताया कि 2011 में बीजेपी शासन काल में ही पाठ्यक्रम में ये पाठ शामिल किया गया था. इसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और तत्कालीन शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Agarwal) को साधुओं से माफी मांगनी चाहिए. कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 2005 में पाठ्यक्रम को पुनरीक्षित करने के लिए कमेटी बनाई गई थी. एनसीआरटी की उस कमेटी में आरएसएस की विचारधारा के तमाम लोग शामिल थे, उस समय जब इसे शामिल किया गया तब बीजेपी ने विरोध क्यों नहीं किया? दरअसल पाठ में कुछ भी गलत नहीं है. बीजेपी की अवसरवादिता है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने ये भी बताया कि हमारी सरकार के संज्ञान में ये बात आई है. हम नियम के तहत पाठ्यक्रम को हटाने की कार्रवाई करेंगे.
ये भी पढ़ें:- Chhattisgarh में MBBS डॉक्टरों को सरकार का नोटिस, पोस्टिंग के बाद नहीं ले रहे ज्वाइनिंग, क्या है वजह?