Nand Kumar Sai Resigns: नंद कुमार साय के इस्तीफे से छत्तीसगढ़ में बदलेंगे सिसासी समीकरण? भूपेश सरकार के मंत्री ने कहा- उनका स्वागत है...
Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य मंत्री से जब ये पूछा गया कि क्या अंतर्कलह की वजह से ऐसा हुआ है, तो उनका कहना था कि मुझे लगता है कि उनको नजरअंदाज किया गया है.
Nand Kumar Sai Resigns: छत्तीसगढ़ के बड़े बीजेपी नेता और आदिवासी बाहुल्य इलाके में चर्चित आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने बीजेपी की सभी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. बीजेपी अध्यक्ष को सौंपे इस्तीफे के बाद कांग्रेस नेताओं के बयान आने भी शुरू हो गए हैं. प्रदेश के दो वरिष्ठ मंत्री ने नंद कुमार साय के बीजेपी से इस्तीफ पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. इनमें से एक खुश अपने दल के भीतर आपातकाल में नेतागीरी कर रहें स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव हैं . तो वहीं दूसरे संभाग के प्रतापपुर से विधायक और सूबे के स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह हैं. वैसे दोनों नेताओं की नंद कुमार साय के इस्तीफे पर दी गई प्रतिक्रिया के अलग अलग मायने हैं. गौरतलब है कि दोनों नेता आज एक निजी रिसार्ट की ओपनिंग पर अम्बिकापुर पहुँचे थे. वहीं पर दोनों ने अपने विचार मीडिया से साझा किए हैं.
लगातार उपेक्षा से लिए जाते हैं ऐसे कड़े निर्णय- सिंहदेव
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने नंद कुमार साय के इस्तीफे के बाद कांग्रेस प्रवेश की अटकलों पर मीडिया को जवाब दिया. अपने जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कहीं भी कोई चीज जुडता है तो सामान्य तौर पर उसमें बढ़ोतरी होती है. कभी कभी ऐसा होता है कि किसी के जुडने से माइनस होता है. नंद कुमार साय जी अनुभवी हैं. उन्होंने एक निर्णय लिया है . वो बहुत परिपक्व और विद्वान हैं. उन्होंने बहुत दशकों तक भारतीय जनता पार्टी के साथ जनसेवा की. किन्ही कारणों से उनके ये निर्णय हुआ. कि वो भारतीय जनता पार्टी में नहीं रहना चाहते हैं. त्याग पत्र देने की बात हम लोगों ने सुनी है. और अब उनकी क्या मंशा है कल परसों तक दिखेगा.
इधर इस सवाल के बाद जब स्वास्थ्य मंत्री से जब ये पूछा गया कि क्या अंतर्कलह की वजह से ऐसा हुआ है, तो उनका कहना था कि मुझे लगता है कि उनको नजरअंदाज किया गया है. क्योकि अगर आप एक समय सीमा तक उसको नजरअंदाज कर रहे हैं तो वो सहन कर पाता है. ऐसे में कम ही लोग होते हैं . जो नजरअंदाज करने बाद भी चलते रहते हैं. क्योंकि ज्यादातर लोगों को लगता है कि उपेक्षा होती जा रही है और लगातार होती जा रही है. और फिर आप जिस संगठन या पार्टी का दशकों तक उसका साथ दिया है . उसकी सेवा की है. तो फिर ऐसे नंद कुमार साय जी जैसे कड़े निर्णय लिए जाते हैं.
आदिवासी नेतृत्व परिस्थिति तय करेगी- प्रेम साय सिंह
बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व राज्य सभा सदस्य और बीजेपी संगठन और सत्ता में कई अहम जिम्मेदारी निभा चुके नंद कुमार साय के इस्तीफे के बाद प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री प्रेम साय सिंह ने कहा है कि नंद कुमार साय बहुत ही सख्त और पुराने आदिवासी नेता हैं. अगर वो बीजेपी से इस्तीफा दिए हैं. और कांग्रेस में आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है. एक ऐसे आदिवासी नेता को पार्टी में जगह दी जाएगी. नंद कुमार साय जैसे आदिवासी नेता का बीजेपी छोडने के बाद कांग्रेस में आने की पेशकश करने वाले प्रदेश के शिक्षा मंत्री से जब आने वाले चुनाव के संबंध मे ये पूछा गया कि क्या कांग्रेस आने वाले दिनों में आदिवासी नेता को आगे करके चुनाव लड़ेगी. तो उनका जवाब था. आगे कि जैसी परिस्थितियाँ होगी. इस हिसाब से निर्णय लिया जाएगा.
गौरतलब है कि भूपेश सरकार में अनुभवी विधायक प्रेम साय सिंह जहां फिलहाल भूपेश सरकार में केबिनेट मंत्री हैं . वहीं अविभाजित मध्यप्रदेश के समय दिग्विजय शासन काल मे वो केबिनेट मंत्री रह चुके हैं. ऐसे में वो किस परिस्थिति की ओर इशारा कर रहे हैं. वो तो समझ से परे है. पर ये परिस्थिति वाली बात कद्दावर आदिवासी नेता नंद कुमार साय के इस्तीफे के बाद कहना . छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बड़े संकेत की ओर जरूर है.