(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh News: जंगल से निकलकर सड़क पर आया जंगली हाथियों का झुंड, प्रतापपुर-अम्बिकापुर मार्ग पर मची अफरा-तफरी
Surajpur: प्रतापपुर क्षेत्र के गणेशपुर के जंगलों से निकलकर हाथियों के झुंड के अचानक प्रतापपुर-अम्बिकापुर मार्ग पर आ गया. लोगों ने हाथियों के झुंड की वीडियो भी बनाई और सेल्फी भी ली.
Surajpur News: सूरजपुर (Surajpur) जिले में प्रतापपुर क्षेत्र के गणेशपुर के जंगलों से निकलकर हाथियों के झुंड के अचानक प्रतापपुर-अम्बिकापुर मार्ग पर आ जाने से दहशत के साथ-साथ कौतूहल का भी विषय बन गया. हाथियों के सड़क पर आ जाने के कारण जहां दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गईं, वहीं लोगों ने हाथियों के झुंड की वीडियो भी बनाई और सेल्फी भी ली. सोशल मीडिया पर भी जमकर सड़क पर विचरण कर रहे हाथियों के वीडियो पोस्ट किए गए. यह मामला गुरूवार की शाम का है. जब प्रतापपुर से महज चार किमी दूर गणेशपुर गुड़गवां के पास चार हाथियों का दल अचानक सड़क पर आ गया. जंगली हाथियों के सड़क पर आने से अफरा-तफरी भी मच गई और आने-जाने वाली वाहनों में ब्रेक लग गए.
इस क्षेत्र में हाथियों की लगातार आमद के साथ धान और गन्ने की फसल भी नष्ट होने की संभावनाएं बढ़ गई है. बीते महीनों को देखें तो इस क्षेत्र में लगातार हाथियों का उत्पात बना रहा है और आलम यह रहा है कि प्रतापपुर नगर में हाथी विचरण करने पहुंच गए थे. इंसान और हाथियों के बीच लंबे समय से यहां संघर्ष का सिलसिला भी लगातार जारी है. बड़ी तादाद में इस क्षेत्र में लोगों ने अपनी जानें गंवाई हैं और किसानों की खड़ी फसलों को गज आतंक ने रौंदकर उत्पात भी मचाया है. हालांकि बीते समय में हाथियों की भी मौत हुई है और वन विभाग भी लगातार लोगों से सतर्क रहने की अपील करता रहा है.
हाईवे पर लंबे समय तक रहा यातायात बाधित
स्टेट हाईवे पर हाथियों के निकल आने से लंबे समय तक यातायात बाधित रहा है और वाहनों की रफ्तार थम गई. जंगलों से निकलकर सड़क पर आए हाथियों को देखने के लिए भी लोग उत्सुक थे, लेकिन डर के मारे अपने वाहनों में ही बैठे रहे. ग्रामीणों की माने तो ये हाथी बगड़ा, सिंघरा और भरदा से निकलकर आए हैं और संभवतः करसी व मसगा या फिर बलरामपुर की ओर रवाना हो गए हैं. आए दिन यहां हाथियों की आमद से क्षेत्र के लोग परेशान भी हैं. पूरा का पूरा क्षेत्र हाथियों से प्रभावित होने के साथ-साथ लोगों के लिए अपनी फसलों और कच्चे मकानों को बचाना भी बड़ा मामला हो गया है. हाथियों की दहशत के कारण इन गांवों में लोगों ने रात को निकलना बंद कर दिया हैं और जंगली हाथियों के उग्रपन के कारण स्थानीय लोग हाथियों को देखकर अपने घरों में दुबक जाते हैं.
बहरहाल फिर एक बार हाथियों की आमद और अचानक सड़क पर आ जाने से विशेषकर दो पहिया वाहन चालक ज्यादा दहशत में है. हाथियों के मार्ग में आ जाने की सूचना पर वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी वहां पहुंचे हैं और उन्होंने सावधान और जागरूक रहने की भी अपील की है. गौरतलब है कि इस क्षेत्र में गन्ने की फसल बहुतायत में होती है और हाथियों को गन्ना काफी प्रिय है. वर्तमान समय में गन्ने के साथ-साथ धान की भी फसलें खड़ी हैं और हाथियों के झुंड की आवाजाही से किसानों को अपनी फसलों की चिंता भी हो गई है. किसानों का कहना है कि हाथियों से होने वाले नुकसान के एवज में वन विभाग के द्वारा दिया जाने वाला मुआवजा भी ऊंट के मुंह में जीरे के समान है. सरकार और प्रशासन को इस मामले में स्थायी समाधान निकालने की पहल करनी चाहिए.