Raipur: छात्रों के सुसाइड केसेस को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बताया गंभीर मुद्दा, बच्चों को दी राय- 'चुनौतियों का डटकर सामना करना जरूरी'
Raipur News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू छत्तीसगढ़ दोरे के पहले दिन रायपुर में कई कार्यक्रमों में शामिल हुईं. अब 1 सितंबर को बिलासपुर में जीजीयू के दीक्षांत समारोह में शिरकत करेंगी.
President Droupadi Murmu Chhattisgarh Visit: देश की राष्ट्रपति बनने के द्रौपदी मुर्मू पहली बार छत्तीसगढ़ दौरे पर आई है और पहली बार राष्ट्रपति उनकी बेटी इतिश्री के साथ छत्तीसगढ़ आई है. दो दिवसीय दौरे के पहले दिन राष्ट्रपति ने रायपुर के कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है. इस दौरान राष्ट्रपति का छत्तीसगढ़िया अंदाज भी देखने को मिला है. उन्होंने छत्तीसगढ़ी में कहा जय जोहार, छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया. मुझे छत्तीसगढ़ की धरती पर आप सबसे मिलने का अवसर मिला. मेरी इच्छा आज पूरी हुई. एक कहावत है छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया, ऐसी कहावतों के माध्यम से सदियों से चल रहे सत्य को मात्र शब्दों में कह दिया जाता है.
ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में राष्ट्रपति
दरअसल आज (31 August) रायपुर के शांति सरोवर स्थित प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में वार्षिक परियोजना सकारात्मक परिवर्तन वर्ष 2023 का शुभारंभ समारोह का आयोजन किया गया. इस मौके पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु शामिल हुई. इस दौरान उन्होंने राजस्थान के कोटा में नीट की तैयारी करने वाली 2 स्टूडेंट की सुसाइड को गंभीर बताया है. इसके साथ उन्होंने करियर प्रेशर पर भी खुलकर अपनी बात रखी है.
करियर के साथ जीवन की चुनौतियों का डटकर सामना करना जरूरी
उन्होंने कहा कि एक ओर हमारा देश नित-नई ऊंचाइयों को छू रहा है, चांद पर तिरंगा लहरा रहा है और विश्वस्तरीय खेलों में कीर्तिमान रच रहा है. हमारे देशवासी अनेक नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर एक अत्यंत गम्भीर विषय है कुछ दिन पहले नीट की तैयारी कर रहे दो विद्यार्थियों ने अपने जीवन, अपने सपनों, अपने भविष्य का अंत कर दिया. ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए बल्कि हमें प्रतिस्पर्धा को सकारात्मक रूप से लेना चाहिए. हार-जीत तो होती रहती है. राष्ट्रपति ने कहा कि बच्चों पर कांपिटिशन का प्रेशर है लेकिन जितना जरूरी उनका करियर है.
उतना ही जरूरी है कि वे जीवन की चुनौतियों का डटकर सामना कर सकें. पॉजिटिव थीम की सहायता से हम उन बच्चों की मदद कर सकते हैं जो बच्चे ऐसे मोड़ पर निराश हो जाते हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि साइंस और टेक्नालाजी के साथ ही जीवन में आध्यात्मिकता का भी समावेश हो तो जीवन आनंद से भर जाता है. हमारी नई पीढ़ी बहुत प्रतिभाशाली है. कभी-कभी धैर्य की कमी होने की वजह से वे निराश हो जाते हैं. उन्हें बताना है कि अपनी रुचि के क्षेत्र में धैर्य और पूरे आत्मविश्वास के साथ कड़ी मेहनत करें तो सफलता जरूर मिलती है.
दिन में कुछ समय मोबाइल से दूर रहकर बिताएं
राष्ट्रपति ने इस मौके पर अध्यात्म से जुड़े अपने अनुभव भी शेयर करते हुए कहा कि मेरी आध्यात्मिक यात्रा में भी ब्रह्मकुमारी संस्था ने मेरा बहुत साथ दिया है. जब मेरे जीवन में कठिनाई थी तब मैं उनके पास जाती थी. ब्रह्मकुमारी का रास्ता मुझे बहुत अच्छा लगा. आप सहजता से काम करते हुए आप अपनी जिंदगी को बेहतर तरीके से जी सकते हैं. जिंदगी जीने की कला वो सिखाते है. उन्होंने कहा कि हम आज सभी टेक्नालाजी के युग में जी रहे हैं. बच्चे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की बात कर रहे हैं लेकिन यह भी जरूरी है कि दिन का कुछ समय मोबाइल से दूर रहकर बिताएं.
सीएम ने कहा ऐसा लग रहा है जैसे कोई अपना, अपने ही घर आया है
इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आगमन छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए बहुत गौरव का क्षण है. उनकी इस यात्रा के लिए मैं छत्तीसगढ़ के तीन करोड़ नागरिकों की ओर से उन्हें बहुत धन्यवाद देता हूं. आज राष्ट्रपति के रूप में पूरे देश की मुखिया के आगमन से हम छत्तीसगढ़ के लोग विशेष आत्मीयता का अनुभव कर रहे हैं.
ऐसा लग रहा है जैसे कोई अपना, अपने ही घर आया है. यह प्रदेश एक आदिवासी प्रदेश है, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग बहुत बड़ी संख्या में यहां निवास करते हैं. सभी वंचितों को न्याय मिले, यह संविधान की भावना है.
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