Yashwant Sinha: यूपीए की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा शुक्रवार को छत्तीसगढ़ दौरे पर पहुंचे. उन्होंने राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की मौजूदगी में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कई मुद्दों के साथ ही देश में बिगड़े माहौल पर भी बयान दिया.


सिन्हा ने छत्तीसगढ़ विधायकों, सांसदों से मांगा समर्थन
विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा देशभर में भ्रमण कर रहे हैं. जिसमें वो राष्ट्रपति चुनाव के लिए समर्थन मांग रहे हैं. इसी कड़ी में यशवंत सिन्हा रायपुर पहुंचे हैं. उन्होंने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि छत्तीसगढ़ से मेरा बड़ा विशेष संबंध है. उन्होंने कहा ''लगभग 60 साल पहले मैं भिलाई आया था जहां मेरी शादी हुई थी. इसलिए जब भी यहां आता हूं आनंद आता है. उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति का पद गरिमा का पद है. आपसी सहमति से किसी एक नाम को चुना जा सकता था पर ये हो नहीं पाया.


Chhattisgarh Train Cancel: यात्रीगण ध्यान दें, छत्तसीगढ़ में फिर से 18 ट्रेनें रद्द, सफर से पहले जरूर देख लें ये लिस्ट


इस वजह से यशवंत सिन्हा को नहीं मिला समर्थन
देशभर में ईडी के छापे पर यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे याद नहीं कि जब हम सरकार में थे तब हमारे दिल में कभी दूर-दूर तक ये ख़्याल भी आया कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ ईडी का इस्तेमाल करूं. कुछ लोग पहले मेरे समर्थन में थे पर अब वो दिखाई नहीं दे रहे. सिन्हा ने बिना नाम लिए बीजेपी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि आज देश में चारों तरफ अशांति का माहौल है और इस सबके बीच एक विचारधारा है, जो लोगों को बांट कर रखना चाहती है. 


कहा- हमें खामोश राष्ट्रपति नहीं चाहिए
यशवंत सिन्हा ने आगे कहा कि राष्ट्रपति पद पर रहे लोगों ने पद की शोभा बढ़ाई है और कभी-कभी ऐसा भी हुआ कि खामोश रहने वाले लोग भी पद पर आये. इसलिए मैं चाहता हूं कि हमें खामोश राष्ट्रपति नहीं चाहिए. कोई ऐसा व्यक्ति राष्ट्रपति बने जो अपने संवैधानिक अधिकारों का पालन कर सके.राष्ट्रपति का एक अधिकार है वो सरकार को मशविरा दे सकते हैं पर यदि कोई प्रधानमंत्री की कठपुतली है तो वो ये काम नहीं कर सकता. 


अग्निपथ योजना में सुधार की जरूरत


पत्रकारों के सवाल पर यशवंत सिन्हा ने अग्निपथ योजना पर कहा कि अग्निपथ योजना को मैं सही नहीं मानता. क्योंकि दुनियाभर में जो सर्विसेस हैं. जैसे नेशनल सर्विस उसमें कहीं 2 साल कहीं 4 साल लोग सेना में सर्विस देते हैं. हमारा देश बाकी देशों से अलग है, इसलिए हमें बीच का रास्ता निकाल लिया है. ये नेशनल सर्विस नहीं है और न आर्मी है. सरकार को पार्लियामेंट की डिफेंस कमेटी में इसे रखना था इसमें कुछ संशोधन आते फिर एक बढ़िया योजना सबके बीच आज होती. इसे लेकर जितना बवाल कटा ये सब जरूरी नहीं था इसलिए सरकार से कहूंगा इसे अभी भी समय रहते सुधारे.


Chhattisgarh Weather Update: छत्तीसगढ़ में कहीं तेज बारिश तो कहीं उमस से लोग परेशान, जानें मौसम का हाल