Chhattisgarh News: आज तक आपने किराए पर घर, कपड़े, कार लेने की बात तो सुनी होगी लेकिन क्या आपने किराए पर टीचर लेने की बात सुनी है. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में पहली बार स्कूल में किराए का टीचर (Teacher) रखने का मामला सामने आया है. दरअसल स्कूल के प्रिंसिपल (Principal) ने अपनी जगह एक शिक्षिका को स्कूल में पढ़ाने के लिए रखा हुआ था और इसके लिए वह बाकायदा उस शिक्षिका को हर महीने पेमेंट करता था और खुद आराम फरमाता था.


मामले के तूल पकड़ने पर शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप


मामला छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले का है. जिले के वनांचल क्षेत्र के देवरुंग स्थित प्राथमिक स्कूल में 7 महीने से प्रिंसिपल समीर कुमार मिश्रा स्कूल में ईद के चांद की तरह दर्शन देते हैं. मजे की बात ये है कि उन्होंने अपनी जगह रुपाली सोनी नाम की एक शिक्षिका को 6 हजार रुपए महीने पर बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल में रख रखा है. इसका खुलासा किराए की शिक्षिका रुपाली सोनी ने ही किया है. इसके बाद इस मामले को लेकर प्रदेशभर में चर्चा गर्म हो गई है और पूरे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है.


6 हजार महीने पर रखकर देता था 4 हजार


रुपाली ने मीडिया से बातचीत करते हुए पूरे मामले का खुलासा किया है. रुपाली ने बताया, 'प्रिंसिपल समीर कुमार मिश्रा ने उन्हें बच्चों को पढ़ाने के लिए रखा है. पिछले 7 महीने से मैं बच्चों को पढ़ा रही हूं. मिश्रा ने कहा था कि मैं पढ़ाने नहीं आ सकता, इसलिए आप बच्चों को पढ़ना. इसके लिए उन्होंने हर महीने 6 हजार रुपए देने की बात कही थी लेकिन केवल 4 हजार रुपए दिया जाता है.' रुपाली ने पत्रकार के सवाल पर ये भी बताया कि प्रधान पाठक कभी-कभी स्कूल आते हैं. 7 महीने में केवल 5 से 6 बार ही स्कूल आए हैं. रुपाली ने यह भी बताया कि पिछले 7 महीने से शिक्षा विभाग की तरफ से कोई भी अधिकारी स्कूल में निरीक्षण करने नहीं आया है.


शिक्षा विभाग पर उठ रहे सवाल


प्रिंसिपल समीर कुमार मिश्रा के कारनामे ने जिला शिक्षा विभाग की नींद उड़ा दी है. शिक्षा विभाग पर सवाल उठने लगे हैं कि वनांचल इलाके में ग्रामीण स्तर की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार की तरफ से जो रणनीति बनाई जा रही है, उस रणनीति पर ऐसे शिक्षक पानी फेर रहे हैं. स्कूल में पांचवीं क्लास की बच्ची बिंदिया ने भी प्रिंसिपल की लापरवाही की परतें खोलीं. बिंदिया ने बताया कि स्कूल में पढ़ाने के लिए रुपाली सोनी और एक देवगन सर ही आते हैं, प्रिंसिपल समीर कुमार मिश्रा नहीं आते. 


शिक्षा विभाग ने शिक्षक को किया सस्पेंड


शिक्षा विभाग की किरकिरी हुई तो 1 फरवरी की देर शाम तक जिला शिक्षा अधिकारी सी एस ध्रुव ने प्रिंसिपल समीर कुमार मिश्रा को घोर लापरवाही बरतने के लिए सस्पेंड कर दिया है. जिला शिक्षा अधिकारी ने मीडिया से कहा कि स्कूल के शिक्षक और प्रधान पाठक समीर कुमार मिश्रा स्कूल में बहुत समय से पदस्थ हैं. उनके द्वारा अपनी जगह एक शिक्षिका से अध्यापन कार्य करवाया जा रहा था, जोकि गलत है. शिक्षक पर दायित्व है कि वो बच्चों की पढ़ाई करवाए. शिक्षक दूसरे से बच्चों की पढ़ाई करवा कर हर महीने वेतन ले रहा है इस तरह का कृत्य कर्तव्य के प्रति लापरवाही है. विकासखंड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि इस मामले में जांच कर प्रतिवेदन दें ताकि शिक्षक के ऊपर नियम के अनुसार कार्रवाई की जा सके.


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