Priyanka Gandhi Bastar Visit: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी गुरुवार (13 अप्रैल) को अपने बस्तर प्रवास पर पहुंची हुई थी. जहां लालबाग के सभास्थल में प्रियंका गांधी ने नक्सल हिंसा से पीड़ित अबूझमाड़ की महिलाओं से मुलाकात कर उनके बांस कला की जमकर तारीफ की. वहीं महिलाओं ने प्रियंका गांधी को बांस से बना गुलदस्ता भी भेंट किया.
 
दरअसल, लालबाग मैदान में आयोजित भरोसे का सम्मेलन कार्यक्रम  में बस्तर में वनोपज से तैयार की जाने वाली  खाद्य सामाग्री, बेल मेटल आर्ट के अलावा, बस्तर की कॉफी समेत 20 से अधिक स्टॉल का प्रदर्शनी लगाया गया था. यहां प्रियंका गांधी घूम घूम कर एक-एक स्टॉल के प्रदर्शनी में पहुंची और इन वस्तुओं को तैयार करने वाली आदिवासी महिलाओं से भी मुलाकात की. 


बांस शिल्पी बनकर आर्थिक लाभ ले रहे
प्रियंका गांधी को बांस कला केंद्र के स्टॉल में नक्सल हिंसा से पीड़ित महिलाओं ने बांस से बने गुलदस्ता को भेंट स्वरुप दिया. नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के गुमियाबेड़ा गांव की रहने वाली सीताबाई और उसेबेड़ा की  पालेबाई ने बताया कि नक्सलियों द्वारा उनके परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद वह अबूझमाड़ छोड़कर नारायणपुर शहर आ गए और यही बस गए. 


महिलाओं ने कहा कि प्रियंका गांधी ने उनके कंधे पर हाथ रखा, उनके बारे में जानकारी ली और पूछा कि आप कहां से आए हैं. महिलाओं ने बताया कि वे अबूझमाड़ के हैं और उन्हें देखने बस्तर आए हैं.


नक्सल पीड़ित अनपढ़ महिलाओं के पास कमाने का कोई साधन नहीं था, जिसके बाद शासन द्वारा नारायणपुर में बांस शिल्प कला का प्रशिक्षण दिया गया और अब ये बांस शिल्पी बनकर आर्थिक लाभ ले रहे हैं. प्रियंका गांधी ने इन महिलाओं द्वारा तैयार की गई बांस से बनी वस्तुओं को देखा और इसकी जमकर तारीफ भी की. इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने बकायदा उन महिलाओं की जानकारी ली, इसके अलावा प्रियंका गांधी ने बस्तर कॉफी की भी तारीफ की और बस्तर की प्रसिद्ध  बेलमेटल कला को भी देखा और इसकी सराहना की.


90 महिलाओ ने एक साल में  कमाए 7 लाख रुपये
अबूझमाड़ के करीब 90 महिलाओं ने एक साल में 15 लाख  रुपए से ज्यादा आय अर्जित किया है. दरअसल, नारायणपुर के कोचवाही गांव में मौजूद गोठान में मावली मल्टीएक्टिविटी सेंटर के ओर से महिलाओं द्वारा कई प्रकार के रोजगार मूलक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है. जिससे स्थानीय ग्रामीण महिलाओं की उनकी स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा मिल रहा है. बीते एक साल में इस सेंटर से महिलाओं द्वारा 15 लाख  रुपए की प्रोसेस्ड फूड्स की  बिक्री की है, जिसमें महिलाओ को  6 से 7 लाख रुपये का लाभ हुआ है.


महिला समूह में कार्य करने वाली मनमति पोटाई ने बताया कि गौठान में महिलाओं के द्वारा फूड प्रोसेसिंग यूनिट, गोबर पेंट और पेवर ब्लॉक के निर्माण से जुड़कर महिलाएं आर्थिक लाभ ले रही है. इस फूड प्रोसेसिंग यूनिट में 90 महिलाएं काम कर रही हैं, बस्तर में पाए जाने वाली वनोंपज कोदो चावल, ब्लैक राइस, ब्राउन राइस ,रेड राइस की प्रोसेसिंग के अलावा 5 तरह के कुकीज जिसमें मिलेट्स संबंधित कोदो, कुटकी, महुआ, गुड़, रागी से  कुकीज़ बना रही हैं. इसके अलावा रागी का आटा, तीखुर पाउडर, शहद, प्रोसेस्ड पोहा, मशरूम का भी उत्पादन कर रही है.


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