Chhattisgarh: दंतेवाड़ा में NMDC के नए आयरन और प्लांट का विरोध, ग्रामीण बोले- ‘जान दें देंगे लेकिन जमीन नहीं’
दंतेवाड़ा के आदिवासी ग्रामीणों ने में NMDC प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि एनएमडीसी प्रबंधन जोर जबरदस्ती प्लांट को खोलने की कोशिश करेगा तो वो विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में एनएमडीसी प्रबंधन के खिलाफ सैकड़ो आदिवासी ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने जिले के बैलाडीला में डिपॉजिट नंबर 4 में प्रस्तावित आयरन और प्लांट को खोलने के लिए अपनी जमीन नहीं देने की बात कही है. ग्रामीणों का कहना है कि यहां प्लांट खुलने से हजारों पेड़ों की बलि चढ़ा दी जाएगी, साथ ही ग्रामीणों के जल,जंगल, जमीन और पहाड़ छीन लिए जाएंगे, वहीं इस पहाड़ में एक मंदिर भी है जिससे ग्रामीणों की आस्था जुडी हुई है, इसलिए ना तो प्लांट खुलने देंगे और ना हीं जंगलों को नष्ट करने देंगे.
आदिवासी ग्रामीणों का कहना है कि अगर इस प्लांट के विरोध में स्थानीय जनप्रतिनिधि,राज्य सरकार और जिला प्रशासन ग्रामीणों की मदद नहीं करती है तो इस क्षेत्र में रहने वाले सैकड़ों ग्रामीण आने वाले विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर देंगे.
हजारों पेड़ों की चढ़ा दी जाएगी बलि
दरअसल, बैलाडीला में एनएमडीसी की आयरन और प्लांट पिछले कई सालों से संचालित हो रहा है, वहीं अब एनएमडीसी प्रबंधन के द्वारा धीरे-धीरे यहां मौजूद अन्य पहाड़ों में भी प्लांट स्थापित किया जा रहा है. वहीं बैलाडीला के पहाड़ पर डिपॉजिट नंबर 4 में आयरन और नया प्लांट प्रस्तावित है और इस प्लांट के विरोध में ही ग्रामीणों ने एनएमडीसी प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस क्षेत्र के ग्रामीणो ने बैठक कर फैसला लिया है कि किसी भी कीमत पर इस प्लांट को खोलने के लिए ग्रामीण अपनी जमीन नहीं देंगे, ग्रामीणों का कहना है कि डिपॉजिट नंबर 4 का पहाड़ घने जंगल से घिरा हुआ है और यह पहाड़ ग्रामीणों की आस्था का प्रतीक है, यहां हर साल पहाड़ में मेले का आयोजन होता है और पूर्वजों के समय से इस पहाड़ को आदिवासी पूजते आ रहे हैं. यहां के जंगल की भी पूजा करते आ रहे हैं, ऐसे में अब एनएमडीसी प्रबंधन यहां प्लांट लगाने के नाम पर ग्रामीणों की जमीन खरीदना चाह रहा है, लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा, गांव वालों ने कहा कि हम अपनी जान दे देंगे लेकिन इस पहाड़ पर प्लांट खोलने नहीं देंगे, वहीं अलग-अलग गांव के सरपंचो का कहना है कि अगर प्लांट खुलता है तो हजारों पेड़ों की बलि चढ़ा दी जाएगी ,जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान होगा, प्रदूषण होगा और ग्रामीणों की परेशानी भी बढ़ेगी. यही नहीं जंगली जानवरों को भी नुकसान होगा, प्लांट खुलने से भांसी धुरली, गमावाड़ा समेत अन्य गांव के लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा, इसलिए वह नहीं चाहते हैं कि यहां प्लांट खुले.
ग्रामीणो ने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी
ग्रामीणों ने चेतावनी भी दी है कि अगर एनएमडीसी प्रबंधन जोर जबरदस्ती कर इस प्लांट को खोलने की कोशिश करता है तो इस क्षेत्र के रहने वाले सैकड़ो ग्रामीण आने वाले विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे. उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियो, जिला प्रशासन और राज्य सरकार से भी इस प्लांट को नहीं खुलने देने का निवेदन किया है. इधर अब तक स्थानीय जनप्रतिनिधियों की ओर से ग्रामीणों द्वारा इस नए प्लांट के विरोध को लेकर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. एनएमडीसी प्रबंधन ने भी अब तक इस मामले में कोई बयान जारी नहीं किया है. हालांकि ग्रामीणों ने एक बैठक कर प्लांट का विरोध करने का निर्णय लिया है, और उन्होंने खुली चेतावनी दी है कि अगर प्लांट खोलने के लिए काम को आगे बढ़ाया जाता है तो सैकड़ो ग्रामीण सड़क और उतरकर आंदोलन के लिए भी बाध्य होंगे.
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