Chhattisgarh: रायगढ़ की सहकारी समितियों में लगा ताला, समिति प्रबंधकों का अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू
Raigarh: रायगढ़ जिले की सहकारी समितियों में ताला लग गया है. दरअसल, सहकारी समिति प्रबंधक ने अपनी तीन सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चिकालीन आंदोलन पर हैं. इसके चलते किसानों की परेशानी बढ़ गई है.
Raigarh Co-operative Societies: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के रायगढ़ (Raigarh) जिले की सहकारी समितियों में ताला लग गया है. हालात यह है कि यहां किसान खाद-बीज नहीं ले पा रहे हैं. दरअसल, एक जून से सहकारी समिति के प्रबंधकों ने नियमितिकरण समेत अन्य तीन मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया है. इसके चलते जिले भर की सहकारी समितियां बंद हैं. अब खरीफ सीजन शुरु हो गया है. ऐसे में खाद-बीज को लेकर किसानों की परेशानी बढ़ने वाली है.
जून में खरीफ सीजन का काम चालू हो जाता है. बारिश होने के बाद खाद-बीज के उठाव में तेजी आएगी. किसानों के पास भंडारण के लिए जगह नहीं होने के कारण वो एडवांस में खाद-बीज नहीं उठाते हैं. ऐसे में जैसे ही बारिश होती है, खाद-बीज की डिमांड बढ़ जाती है. हालांकि इस साल 60 हजार से अधिक किसानों की परेशानी बढ़ने वाली है, क्योंकि सहकारी समिति प्रबंधक ने अपनी तीन सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चिकालीन आंदोलन पर हैं.
यह है मांगें
बताया जा रहा है कि सहकारी समिति प्रबंधकों ने अपनी मांगों को लेकर पहले से ही चेतावनी दे दी थी. अब हर ब्लॉक में समिति प्रबंधक और अन्य कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. सहकारी समिति प्रबंधकों की तीन मांगें हैं. इसमें नियमितिकरण, सरकारी कर्मचारियों की तरह वेतन और सीधी भर्ती पर रोक की मांग शामिल है. बता दें धान खरीदी का काम समितियों में होता है. साथ ही खाद-बीज वितरण का काम भी समितियों में होता है, लेकिन अब इन सभी कामों पर ब्रेक लग गया है.
कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं
गौरतलब है कि जब तक ये आंदोलन चलेगा तब तक किसानों को यहां से कोई भी सामान नहीं मिलेगा. अभी उनको केवल खाद-बीज की ही जरुरत होती है. बारिश होने के बाद इसकी मांग और बढ़ जाएगी. वहीं फिलहाल समितियों में ताला लगने की जानकारी उप पंजीयक सहकारी संस्था के अधिकारियों को तो है, लेकिन अब तक किसी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है. ऐसे में किसान परेशान होंगे. बताया जा रहा है सभी समितियों में खाद-बीज का भंडारण पर्याप्त कर दिया गया है. अब बारिश का इंतजार हो रहा है. उसके बाद जैसे ही पानी गिरेगा खाद-बीज की मांग बढ़ेगी.
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