Raigarh Elephant Death Case: हाथियों के कब्रगाह में तब्दील हो चुके रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल में पिछले डेढ़ से दो साल में 8 से 10 हाथियों की मौत हो चुकी है. शनिवार (9 सितंबर) की रात एक नर हाथी की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई. बताया जा रहा है कि दो हाथी भूख लगने पर ग्राम मेढरमार के एक खेत में घुस गये. इसी दौरान एक हाथी खेत में लगे बिजली के फेंसिंग तारों की जद में आ गया. विभागीय जानकारी अनुसार हाथी का पोस्टमार्टम कराया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हाथी के मौत का खुलासा हो पायेगा. 


गौरतलब है कि धरमजयगढ़ वन मंडल के ग्राम मेढरमार में उस समय हडकंप मच गया, जब आधी रात को ट्रेकर दल को ट्रेकिंग के दौरान एक किसान के खेत में नर हाथी की लाश मिली. इस घटना की जानकारी विभागीय अधिकारियों को मिलने पर तत्काल डीएफओ अभिषेक जोगावत सहित एसडीओ बालगोविंद साहू पूरे दल बल के साथ मौके पर पहुंच गये. अधिकारियों ने मौके से हाथी के शव को कब्जे में जांच शुरू कर दी. हाथी के शरीर पर बिजली का करंट लगने की वजह अनगिनत निशान पाये गये हैं.


पोस्टमार्टम के बाद हाथी के शव को दफनाया


इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि हाथी की मौत शायद इलेक्ट्रिक फेंसिंग से हुई है. फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद हाथी के मौत की सही वजह सामने आयेगी. विभागीय सूत्रों की मानें तो वन विभाग ने ग्राम मेढरमार में ही हाथी का पोस्टमार्टम करा कर शव को दफन कर दिया है. खास बात यह है कि जिस ग्रामीण के खेत में हाथी की लाश बरामद किया गया है, उसके अगल बगल दो किसानों के खेत हैं. इसे लेकर विभाग भी असमंजस में है. इसमें जांच और पूछताछ के बाद ही हाथी की मौत का खुलासा होगा.


'मौत के वजह की नहीं हुई है पुष्टि'


हाथी का लाश जिस खेत में मिला है, उसके मालिक का नाम देवसिंह राठिया है. देवसिंह राठिया के खेत के बगल में एक दूसरे किसान का भी खेत है. यही वजह है कि संबंधित विभाग जांच और पूछताछ के बाद ही मामले का खुलासा होने की बात कर रहा है. विभाग के अनुसार ग्राम मेढरमार में दो हाथियों का जोड़ा विचरण कर रहा था. इन्हीं हाथियों में से एक की करंट लगने से मौत होने की आशंका जताई जा रही है. करंट लगने से मौत हुई है, इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है. हालांकि हाथी के पूरे शरीर पर करंट लगने से बने घाव के निशान हैं.