Raigarh: किसान ने खेत में बनाया धान से हाथी का विशाल चित्र, फसल से तस्वीर बना दे रहा ये संदेश
Chhattisgarh: धरमजयगढ़ वन मंडल ही एक ऐसा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. जहां हाथियों की अधिकांश मौंते इलेक्ट्रिक फेसिंग से हुई, जिसमें 10 फीसदी हाथियों की मौत नेचुरल तरीके से होती है.
Raigarh News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में रायगढ़ (Raigarh)जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल में आए दिन हाथियों के दल किसानों की फसलों को रौंद कर तबाह कर देते हैं. वहीं दूसरी ओर अच्छी फसल की कामना को लेकर ओंगना के किसानों नें अनोखे तरीके से अपने खेत में विशालकाय हाथी के आकार का फसल के रूप में चित्र उकेर दिया है, जो हाथियों का अभिनंदन कर रहे हैं.
गौरतलब है कि, धरमजयगढ़ वन मंडल के किसान भी अब नित नए तरीकों से हाथियों से छुटकारा पाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी कड़ी में धरमजयगढ़ के ग्राम ओंगना के किसानों ने अपने खेत में विशालकाय हाथी का चित्र बनाते हुए धान की फसल उगा दी है. यही नहीं इसे लेकर विभागीय कर्मचारियों ने हाथी मानव द्वंद्व को समाप्त करने के संदेश के लिए बकायदा ड्रोन से विशालकाय हाथी चित्रित खेत का अवलोकन किया है. साथ ही गांव-गांव में इसका प्रचार-प्रसार भी कराया जा रहा है, ताकि ग्राम वासियों में हाथी को लेकर किसी तरह मन में द्वेष न रखे और इलेक्ट्रिक फेंसिंग जैसे तरीकों का इस्तेमाल न हो. इलेक्ट्रिक फेंसिंग नहीं होने से हाथियों की मौत नहीं होगी और हाथी मानव द्वंद्व भी संभवतः थम जाएगा.
90 फीसदी मौत इलेक्ट्रिक फेसिंग से
गौरतलब है कि जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल ही एक ऐसा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. जहां हाथियों की अधिकांश मौंते इलेक्ट्रिक फेसिंग से हुई. जिसमें 10 फीसदी हाथियों की मौत नेचुरल तरीके से होती है. इस लिहाज से देखे तो ओंगना के जिन किसानों ने यह अनोखा तरीका इजाद किया है. वह तारीफे काबिल है. डीएफओ धरमजयगढ़ डीएफओ अभिषेक जोगावत ने बताया कि ओंगना के किसानों के एक दल ने हाथी मावन द्वंद्व को समाप्त करने के लिए अनोखी पहल की है. जो मानव-हाथी सह अस्तित्व को बचाने के लिए अपने खेत में धान की रोपाई इस तरह कि जिसमें हाथी का चित्र बना हुआ है.