Raigarh: पीएम फसल बीमा में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे रायगढ़ के किसान, अब तक केवल इतने आवेदन, सामने आई ये वजह
PM Fasal Bima Yojana: प्रधानमंत्री फसल बीमा के जो मापदंड हैं, इसमें फसल नुकसान होने के बाद भी किसानों को कोई फायदा नहीं मिलता. दूसरी ओर बीमा की राशि जबरिया लग जाता है.
PM Fasal Bima Yojana: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा नहीं लेना चाहते हैं. इसकी बानगी अब तक हुए पीएम फसल बीमा के आंकड़ों से देखी जा सकती है. 24400 किसानों का टारगेट है, लेकिन अब तक केवल 1037 किसानों का ही बीमा हो सका है. हालांकि, अब तक 15 दिन का डेट एक्सटेंशन दिया गया है. यानी अब 15 अगस्त तक पीएम फसल बीमा के लिए आवेदन दिया जा सकता है. वहीं, 15 दिन में 23500 किसानों का फसल बीमा करना आसान भी नहीं है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा के जो मापदंड हैं, इसमें फसल नुकसान होने के बाद भी किसानों को कोई फायदा नहीं मिलता. दूसरी ओर बीमा की राशि जबरिया लग जाता है. इसके अलावा, किसानों का पीएम फसल बीमा में रुचि न दिखाने के और भी कई कारण हैं. इस साल खरीफ सीजन में जिले को 24400 किसानों को पीएम फसल बीमा देने का कृषि विभाग को टारगेट मिला है. अब तक केवल 1037 किसानों ने ही इसके लिए रुचि दिखाई है. अब 15 दिन फसल बीमा कराने का समय दिया गया है.
इस दौरान किसानों द्वारा फसल बीमा कराया जा सकता है. बीते साल भी कृषि विभाग को फसल बीमा के लिए मिला टारगेट पूरा नहीं हो सका था और इस बार भी कोई चमत्कार होने की गुंजाइश नहीं दिख रही है. क्योंकि पीएम फसल बीमा की जो पॉलिसी है, वह किसानों की समझ से बाहर है.
दो ब्लॉक ही पार कर सके हैं दहाई का आंकड़ा
अब तक जो पीएम फसल बीमा हुआ, उसमें ब्लॉक के हिसाब से आंकड़ा देखें तो केवल खरसिया और धरमजयगढ़ ही दहाई का आंकड़ा पार किया है. बाकी ब्लॉकों में अपेक्षाकृत काफी कम संख्या है. बताया जा रहा है कि पीएम फसल बीमा का पोर्टल जून से ही खुल गया था, लेकिन किसानों की रुचि नहीं होने के कारण प्रोग्रेस नजर नहीं आ रही है. कृषि विभाग अपने स्तर से पूरी कोशिश कर रहा है, लेकिन किसानों को किसी तरह दबाव बनाया नहीं जा सकता है. ओवरऑल आंकड़े पर गौर करें तो अब तक केवल 4.25 फीसदी की पीएम फसल बीमा हो सका है.
यह भी पढ़ें: Chhattisgarh Elections: चुनावी साल में BJP ने पहली बार तीन नेताओं को बनाया राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, क्या हैं इसके मायने?