Raigarh: नोटिस मिलने के बाद कोर्ट पहुंचे भगवान शिव, लेकिन इस वजह से नहीं हो पाई सुनवाई
Raigarh News: रायगढ़ में कुछ दिन पहले भगवान शिव को नजूल भूमि पर मंदिर निर्माण को लेकर नोटिस दिया गया था. इसके जवाब में भगवान शिव शुक्रवार को तहसील न्यायालय में पेशी पर पहुंच गए. जानिए क्या है मामला.
Tehsil Court: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में तहसील न्यायालय से एक अनोखा मामला सामने आया है. दरअसल, यहां से भगवान शिव को कुछ दिन पहले नजूल भूमि पर मंदिर निर्माण को लेकर नोटिस दिया गया था. इसके जवाब में भगवान शिव शुक्रवार को तहसील न्यायालय में पेशी पर पहुंच गए. भगवान तो तय समय पर पहुंच गए लेकिन नोटिस देने वाले अधिकारी ही तहसील कार्यालय से नदारद मिले. इसके बाद अब भगवान शिव को नई तारीख में न्यायालय में पेश होना पड़ेगा.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 25 कऊहाकुंडा में एक महिला द्वारा नजूल भूमि पर अवैध कब्जा को हटाने के लिए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी. याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने रायगढ़ तहसील न्यायालय को संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए. जिसके परिपालन में तहसील न्यायालय ने 10 नामजद लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया. जिसमें छठवें नंबर पर भगवान शिव का मंदिर शामिल था.
25 मार्च को थी भगवान की पेशी
इन नोटिस में 25 मार्च को न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया गया था. पेशी में नहीं आने पर विधिवत कार्रवाई और जुर्माना तक का उल्लेख किया गया था. इस नोटिस के बाद से जिले में हलचल मच गया था. प्रशासनिक लापरवाह कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगने लगा था. इस बीच प्रशासनिक स्तर पर इस त्रुटि को सुधारने की कोई पहल नहीं की गई.
रिक्शे से न्यायालय पहुंचे भगवान शिव
ऐसे में शुक्रवार को कऊहाकुंडा वार्ड के स्थानीय लोग पार्षद के नेतृत्व में भगवान शिव के मंदिर से शिवलिंग को रिक्शे में लेकर नोटिस की कॉपी के साथ तहसील न्यायालय में पेशी पर पहुंचे, लेकिन तहसीलदार जनसुनवाई में व्यस्त होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं कर सके. इसके बाद देखते ही देखते यह प्रकरण शहर से निकलकर देशभर में चर्चा का विषय बन गया. आस्था से खिलवाड़ करने पर लोग प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर करने लगे. स्थिति यह बन गई थी कि नायब तहसीलदार को इसकी भनक लगी वे दफ्तर छोड़ कर चले गए.
13 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
इस मामले में नायब तहसीलदार का कहना है कि मंदिर को नोटिस लिपिकीय त्रुटि की वजह से जारी हुआ था. इस मामले में अन्य लोगों को नोटिस दिया गया है. नोटिस की सुनवाई अप्रैल महीने की 13 तारीख को होगी.
नायब तहसीलदार को नोटिस
इधर भगवान शिव को नोटिस देने का मामला अखबारों में सुर्खियां बनी और सोशल मीडिया में जमकर फजीहत होने लगी. जिसके बाद एसडीएम ने संज्ञान लिया और नोटिस काटने वाले नायब तहसीलदार को शो कॉज नोटिस दिया है. 24 घंटे के भीतर उनसे जवाब तलब किया गया है.
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