Chhattisgarh: बेमौसम आंधी बारिश ने बस्तर के वनोपज को पहुंचाया नुकसान, सैकड़ों ग्रामीण प्रभावित
किसान भी उनके फसलों को पहुंचे नुकसान की वजह से काफी चिंतित हैं, बिजली कड़कने से बस्तर में खासकर महुआ वनोपज को काफी नुकसान पहुंचा है.
बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात का असर छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिल रहा है और प्रदेश के बाकी जिलों के साथ-साथ बस्तर संभाग में भी पिछले कुछ दिनों से मूसलाधार बारिश ने जमकर कहर बरपा रखा है, साथ ही ओलावृष्टि से किसानों के फसल भी बर्बाद हुए हैं. खासकर दंतेवाड़ा, सुकमा,बीजापुर और बस्तर जिले में मूसलाधार बारिश से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है.
किसान भी उनके फसलों को पहुंचे नुकसान की वजह से काफी चिंतित हैं, बिजली कड़कने से बस्तर में खासकर महुआ वनोपज को काफी नुकसान पहुंचा है और इमली भी बारिश की वजह से पेड़ से झड़कर खराब गए हैं,जिसकी वजह से इस साल ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि बस्तर के 50% से भी ज्यादा आदिवासी ग्रामीण महुआ और ईमली वनोपज पर निर्भर होते हैं, ऐसे में दक्षिण बस्तर में हुए गरज चमक के साथ तेज बारिश से महुआ, ईमली को काफी नुकसान पहुंचा है.
ओलावृष्टि से सैकड़ों ग्रामीणों को हुआ आर्थिक नुकसान
छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी बीते कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश किसानों के लिए आफत की बारिश बनकर सामने आई है, दरअसल मार्च महीने में ही महुआ के पेड़ पर सबसे ज्यादा फूल उगते हैं, साथ ही एशिया की सबसे बड़ी इमली की मंडी बस्तर में ही मौजूद है, और मार्च महीने में बस्तर के अनगिनत इमली पेड़ों में फल आते हैं, लेकिन गरज चमक के साथ इस बारिश ने इस साल महुआ और इमली वनोपज को पूरी तरह से नुकसान पहुंचाया है, इमली और महुआ के फूल पेड़ से झड़ गए हैं.
इस वजह से इस साल बाकी सालों की तुलना में महुआ और इमली की पैदावार में काफी कमी आने की बात कही जा रही है, दरअसल मार्च महीने से ही बस्तर संभाग के 6 जिलों के ग्रामीण अपने परिवार के साथ महुआ बीनते हैं ,साथ ही इमली के फ़लने का भी इंतजार करते हैं ,लेकिन इस साल कई इलाकों में दोनों की ही वनोपज बर्बाद हो गए है, और पूरी तरह से पेड़ से झड़ गए हैं, जिस वजह से इस वनोपज पर निर्भर रहने वाले आदिवासी ग्रामीणों को आर्थिक रूप से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
सुकमा इलाके के ग्रामीणों का कहना है कि इस बेमौसम बारिश ने महुआ के फूल को काफी नुकसान पहुंचाया है साथ ही बस्तर में ओलावृष्टि की वजह से आम की फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा है, ऐसे में महुआ और ईमली को लेकर इस साल ग्रामीणों ने जो उम्मीद लगाई थी वह सब बर्बाद हो चुकी है और आर्थिक रूप से उन्हें काफी नुकसान हुआ है.
खराब फसलों के आंकलन में जुटी कृषि विभाग
कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले सप्ताह भर से हो रहे तेज बारिश और बिजली कड़कने के साथ ओलावृष्टि होने से बस्तर संभाग में किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है, जिन्होंने भी मौसमी सब्जी और तरबूज के अलावा टमाटर और अन्य फसल उगाई थी उसमें अधिकांश जगहों में ओलावृष्टि की वजह से उनकी फसलें खराब हो गई है.
जिससे किसानों को लाखो रुपये का नुकसान हुआ है, हालांकि कृषि विभाग किसानों को हुए नुकसान का आंकलन करने में जुटी हुई है साथ ही विभाग के लोगों का भी कहना है कि बीते सप्ताह भर की बारिश किसानों के लिए आफत की बारिश बनकर सामने आई है, वही महुआ और इमली वनोपज को भी इस बारिश से काफी नुकसान पहुंचा है.
इसे भी पढ़ें: