Mid Day Meal Scheme Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Election) की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, राज्य में विरोध-प्रदर्शन और हड़ताल का दौर तेज होता जा रहा है. एक के बाद संगठन अपनी-अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने में जुट गए हैं. इसी कड़ी में स्कूल में खाना बनाने वाले रसोइयों के संगठन ने भी सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है.
कम मानदेय से हैं परेशान
कम मानदेय से परेशान होकर रसोइया महासंघ के सदस्य अपनी ताकत दिखाने के लिए प्रदेशभर से रायपुर पहुंचे हैं. रायपुर में धरना स्थल पर आंदोलनकारी रसोइयों का मेला लगा हुआ है. यहां प्रदेशभर से हजारों रसोइया डेरा डाले हुए हैं. इस दौरान रायपुर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई.
मिड डे मील योजना प्रभावित
इस आंदोलन से मिड-डे मील योजना भी प्रभावित हो रही है. गौरतलब है कि राज्य में 29 लाख बच्चों के लिए मिड-डे मील बनाने के लिए 87 हजार रसोइये तैनात हैं. इन्हें हर महीने मात्र 1500 रुपये ही मानदेय दिया जाता है. लिहाजा, रसोइया महासंघ ने राज्य सरकार से कलेक्ट दर के मुताबिक मानदेय देने की मांग की है.
इसके साथ ही इन लोगों ने कांग्रेस सरकार को उनके चुनावी वादे को याद दिलाते हुए उसे पूरा करने के लिए दबाव बढ़ा दिया है. रसोइया संघ के इस आंदोलन का राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी समर्थन किया है.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बी कर चुके हैं प्रदर्शन
इससे पहले प्रदेशभर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ भी अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था. इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार की ओर से अपने चुनावी वादे को पूरा नहीं करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की जिलाध्यक्ष विद्या जैन ने कहा था कि नारियों में भारी रोष व्याप्त है.
अगर सरकार अपने वादे को पूरा नहीं करती है, तो नारी जाग जाएगी और अगर नारी जाग गई तो तांडव हो जाएगा. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि इसका परिणाम सरकार को आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ेगा.
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