Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के रायपुर एम्स (Raipur AIIMS) के बाहर से एक मार्मिक तस्वीर सामने आई है. यहां बेबस मां-बाप अपने 13 माह में बच्चे की जान बचाने के लिए फुटपाथ पर रहने के लिए मजबूर हैं. ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित बच्चा हर्ष की महंगी दवाई के लिए मां-बाप रायपुर एम्स के बाहर किराए के ठेले में चाय नाश्ता बेचकर पैसे जुटाते थे. इस मजबूरी की कहानी सोशल मीडिया में वायरल (Viral Video) होते गई है. इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने इसका संज्ञान लिया है.


वायरल होने पर CM ने लिया संज्ञान
दरअसल मंगलवार को सोशल मीडिया में बेबस परिवार का वीडियो जमकर वायरल हुआ है. इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसका संज्ञान लिया है. सीएम ने कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर भुरे को परिवार की हर सम्भव मदद करने के निर्देश दिए थे. कलेक्टर ने सीएमएचओ डॉ मिथलेश चौधरी और नगर निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी को वहां भेजा. दोनों अधिकारियों ने हर्ष के पिता बालकराम डेहरे से पूरे मामले की जानकारी ली. देर रात तक हर्ष के परिवार को रहने का ठिकाना मिल गया.






दवाई के लिए किराए का ठेला
बता दें कि यह परिवार कवर्धा जिले का रहने वाला है. बच्चे को ब्रेन ट्यूमर है. इसका इलाज रायपुर एम्स में किया गया है और बच्चे को हर सप्ताह कीमोथैरपी के लिए एम्स में एडमिट कराया जाता है. बच्चे के लिए जो दवाइयां मिलती है वह काफी महंगी होती हैं. दवाई के पैसे जुटाने के लिए बेबस माता-पिता एम्स के गेट नंबर एक में ही फुटपाथ में साड़ी के पालने में बच्चे को सुलाते हैं. इसी के नीचे माता-पिता सो जाते हैं. वहीं दवाई के खर्चे के लिए परिवार सुबह से शाम हॉस्पिटल के सामने किराए के ठेले में चाय नाश्ता बेचता है. पिता बालकराम ने एबीपी न्यूज को बताया कि इलाज में घर और जमीन सब कुछ बिक गया है. मैं अपने बच्चे को बचाने के लिए किडनी बेचने के लिए तैयार हूं.


दिन रात जागते हैं-बच्चे की मां
हर्ष की उम्र महज 13 महीने है. ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन के बाद उसके गले में छेद है. हर 10 से 15 मिनट में हर्ष के गले में बलगम हो जाता है. इसे निकालने के लिए मैनुअल इस्तेमाल करने वाले सक्शन मशीन का उपयोग करते हैं. जब एबीपी न्यूज बेसहारा परिवार के पास पहुंचा तो सक्शन मशीन खराब हो गई थी. इसे पिता बालकराम डेहरे ठीक कर रहे थे. मशीन ठीक हुई तब मां ने पंप कर बच्चे के गले से बलगम निकाला. मां ने एबीपी न्यूज को बताया कि हमारे लिए कोई दिन रात नहीं होता है. बच्चे की सांस के लिए हम दिन रात जागते हैं. गले में बलगम फंस जाता है तो इसकी सांस रुक जाती है.


ऐसे हुए था वीडियो वायरल
बलगम निकालने वाली सक्शन मशीन ठीक हुई तब मां की सांस में सांस आई. उसने तुरंत मशीन को पंप किया और बच्चे के गले में लगे पाइप में लगाया. इससे बलगम निकल गया और हर्ष मुस्कुराने लगा. इस वक्त एबीपी न्यूज की टीम ने एक वीडियो बनाया जिसे सोशल मीडिया में शेयर किया गया. वीडियो कुछ ही देर में वायरल हो गया और लोगों ने मदद के लिए हाथ आगे बढाया, साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी वीडियो को देखकर कलेक्टर को जरूरी मदद करने के निर्देश दिए.


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