बलौदा बाजार में अगले आदेश तक जुलूस या रैली पर पाबंदी, शहर में धारा 144 की मियाद बढ़ाई गई
Baloda Bazar News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बलौदा बाजार शहर में धारा 144 की मियाद 20 जून तक बढ़ा दी गई है. इस दौरान शहर में रैली या जुलूस पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी.
Baloda Bazar Protest: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित बलौदा बाजार शहर में धारा 144 की मियाद बढ़ा दी गई है. अगले आदेश तक शहर में रैली या जुलूस पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी. अब बलौदा बाजार शहर में 20 जून तक धारा 144 जारी रहेगी. कलेक्टर और जिला दण्डाधिकारी ने यह आदेश जारी किया है. अगले आदेश तक यहां रैली या जुलूस का आयोजन नहीं किया जा सकेगा.
बता दें कि इससे पहले आदेश में 10 जून से 16 जून तक धारा 144 लागू की गई थी. सतनामी समाज के विरोध को देखते हुए यहां धारा 144 लागू की गई थी.
क्या था पूरा मामला?
छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार में सोमवार (10 जून) को बड़ी संख्या में सतनामी समाज के लोग कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर का घेराव किया और वहां समाज के लोगों द्वारा जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया. लोग यहां के दशहरा मैदान में एक जुट होकर विरोध जताने लगे और देखते ही देखते इस प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया था. मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए थे.
सतनामी समाज के लोगों का कहना था कि उनके धार्मिक प्रतीक अमर गुफा में तोड़फोड़ और जैतखाम को तोड़ने के विरोध में यह प्रदर्शन किया जा रहा है. इस मामले को देखते हुए फौरन शहर में धारा 144 लागू कर दी गई थी.
छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार में 10 जून को सतनामी समाज के लोगों ने उग्र आंदोलन किया, जिसमें शहर भर में कई जगहों पर आग लगा दी गई. आंदोलनकारियों ने डीएम और एसपी ऑफिस कैंपस में भी तोड़फोड़ की और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा दिया. इस दौरान उन्होंने कई गाड़ियों को फूंक डाला.
इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस पर पथराव भी किये गये. घटना के बाद जिला प्रशासन ने बलौदा बाजार शहर में धारा 144 लागू कर दी थी और इसकी समय सीमा आज फिर से बढ़ा दी गई. इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी हिंसा के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए. साथ ही सरकार ने धार्मिक प्रतीक अमर गुफा में तोड़फोड़ के मामले में भी जांच की बात कही थी.
वहीं दूसरी ओर जिस समाज ने हिंसा का रास्ता चुना, उनके गुरु घासीदास हमेशा हिंसा का विरोध करते आए हैं. उन्होंने 'मनखे-मनखे एक समान' का संदेश दिया, जिसने छत्तीसगढ़ के लाखों लोगों को एकजुट किया. हालांकि, सतनामी समाज के गुरु खुशवंत साहेब ने यह दावा किया है कि ऐसी वारदात सतनामी समाज के लोग नहीं कर सकते. इसमें जरूर असामाजिक तत्व शामिल हैं.