Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में अगले साल विधानसभा (Chhattisgarh assembly election) चुनाव होने वाले है. इससे पहले बीजेपी में बदलाव का सिलसिला जारी है. बीजेपी ने अपने 13 जिलाध्यक्षों को बदल दिया है. इसमें रायपुर शहर के जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी भी शामिल हैं. सुंदरानी को 2018 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद बीजेपी जिला अध्यक्ष की कमान सौंपी गई थी लेकिन बदलाव को बयार में सुंदरनी टिक नहीं पाए.


बीजेपी में ये 13 जिला अध्यक्ष बदले
दरअसल 18 अक्टूबर की रात बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के निर्देश पर 13 जिला अध्यक्ष बदल दिए गए हैं. इसके लिए बीजेपी प्रदेश महामंत्री और मुख्यालय प्रभारी केदार कश्यप ने आदेश जारी कर दिया है. आदेश के अनुसार रायपुर शहर की जिम्मेदारी जयंती पटेल, भिलाई में बृजेश बृजपुरिया, राजनांदगांव में रमेश पटेल, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में संजीव पटेल, खैरागढ़- छुईखदान-गंडई में घम्मन साहू, नारायणपुर में रूपसाय सलाम, सुकमा में धनीराम बारसे, सक्ति में कृष्णकांत चंद्रा, जांजगीर चांपा में गुलाब चंदेल, सारंगढ़ में सुभाष जालान, जशपुर में सुनील गुप्ता, मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर में अनिल केशरवानी और कोरिया में कृष्णबिहारी जायसवाल को जिला अध्यक्ष बनाया गया है.


2 महीने में बदले गए कई बड़े चेहरे 
अगस्त से बीजेपी में बदलाव का सिलसिला शुरू हुआ है. सबसे पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को हटाकर सांसद अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. इसके एक सप्ताह बाद विधानसभा नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की जगह ओबीसी विधायक नारायण चंदेल को बनाया गया. बदलाव का सिलसिला यहीं नहीं रुका आगे प्रदेश संगठन में कई चेहरे बदले गए जिसमें बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष अमित साहू को हटाकर लैलूंगा के रवि भगत को जिम्मेदारी दी गई. वहीं सितंबर में बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी की भी छत्तीसगढ़ से छुट्टी कर दी गई और ओम माथुर को प्रदेश का प्रभार दिया गया. अब 13 जिला अध्यक्षों को बदला गया है. 


बदलाव से बीजेपी को कितना फायदा
गौरतलब है कि चुनाव को महज सालभर का समय बचा है. ऐसे वक्त में बीजेपी मैदानी लड़ाई के लिए पूरी तरह से तैयारी करते हुए नजर आ रही है. पहले प्रदेश स्तर के पदाधिकारी बदले गए. इसके बाद अब जिला अध्यक्ष हटाए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि चुनावी रणनीति के अनुसार ही ये बदलाव हो रहे हैं. हर विधानसभा में बीजेपी जीत की गुंजाइश में ये बदलाव कर रही है. फिलहाल बीजेपी के इस बदलाव का परिणाम 2023 विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद ही पता चलेगा. 


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