Chhattisgarh News: देश के कई हिस्सों में पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करने की मांग उठी है. हाल ही में राजस्थान ने पुरानी पेंशन योजना (old pension scheme)को लागू कर दिया है इससे सरकारी कर्मचारियों ने खुशी की लहर है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार भी पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. इसको लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव (T S Singh Deo) ने बयान दिया है.
कैबिनेट बैठक में हुई है चर्चा
दरअसल 1 नवंबर 2004 से पुरानी पेंशन योजना बंद कर दी गई है. जिससे देश के करोड़ो शासकीय कर्मचारी प्रभावित हुए और इसमें छत्तीसगढ़ के 4 लाख से अधिक शासकीय कर्मचारी भी प्रभावित हुए हैं. अब राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने पहल कर दी है तो इससे छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन बहाल होने की संभावनाओं की चर्चा तेज हो गई है. गुरुवार को राजधानी रायपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान टी एस सिंह देव ने कहा कि इस मामले में कैबिनेट में बातचीत हो चुकी है. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 18 फरवरी को हुई बैठक में इसको लेकर चर्चा की गई है. अब आखिरी फैसला मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लेना है.
सीएम भूपेश बघेल ने दिए संकेत
गुरुवार शाम रायपुर एयरपोर्ट में मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. सीएम ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में इसको बंद किया गया था, अब इसकी मांग की जा रही है. चर्चा में आया है, हम विचार करेंगे. हम किसी को नहीं बोलते नहीं है. देने का काम हम लगातार करते रहे है. कोरोना काल में कर्मचारियों का वेतन हमनें नहीं रोका. 6 राज्यों में 30 प्रतिशत की कमी की गई और भारत सरकार ने तो अपने सांसदो के वेतन में कटौती कर दी. हम वित्तीय स्थति का अध्ययन करेंगे जो संभव हो पाएगा वो करेंगे.
पुरानी पेंशन योजना से क्या लाभ
दरअसल शासकीय कर्मचारियों को नौकरी से रिटायरमेंट के पहले अंतिम वेतन मिलता है. उसका 50 प्रतिशत रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलता है. अगर कर्मचारी की मौत हो जाती है तो उसकी पत्नी को पेंशन मिलता है. छत्तीसगढ़ में शासकीय कर्मचारियों की संख्या की बात की जाए तो राज्य में 4 लाख 87 हजार कर्मचारी है. अगर किसी कर्मचारी की आखिरी वेतन 50 हजार है तो उसे रिटायरमेंट के बाद 25 हजार रुपए पेंशन मिलेगा.
नए पेंशन स्कीम का विरोध
नए पेंशन स्कीम का लंबे समय से शासकीय कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ के कर्मचारी नेता विजय झा ने बताया कि, नए पेंशन स्कीम से पेंशन लेने के लिए जिदंगी निकल जाएगी लेकिन पैसा नहीं मिलेगा. भारत का संविधान कहता है की कानून के प्रति समानता का अधिकार. यदि 2004 के बाद से पेंशन नहीं मिल रहा है तो 2004 के बाद से बने सांसद , विधायक, केंद्रीय मंत्रियों का भी पेंशन रोकना चाहिए. एक देश एक कानून कहा जाता है लेकिन एक देश एक पेंशन क्यों नहीं दिया जाता है.
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