Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में धान की खेती सबसे ज्यादा होती है. धान की खेती में किसानों को रिस्क उठाना पड़ता है और पानी भी दूसरे फसलों से ज्यादा लगता है. ऐसे में किसान लाखों से करोड़ों की कमाई के बारे में सोच भी नहीं पाते हैं, लेकिन समय के साथ खेती किसानी में बदलाव आ रहे हैं. खेती किसानी से अब लाखों नहीं करोड़ों कमाया जा सकता है. चलिए ऐसे ही एक फसल के बारे में आज बात करते हैं जिससे आपकी किस्मत बदल सकती है.


मिलेट्स के लिए एमएसपी
छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी और रागी की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. पिछले सीजन में किसानों ने समर्थन मूल्य पर 34,298 क्विंटल मिलेट्स 10 करोड़ 45 लाख रूपए में बेचा था. छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य है, जहां कोदो, कुटकी और रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी और इसके वैल्यू एडिशन का काम भी किया जा रहा है. कोदो-कुटकी समर्थन मूल्य पर 3000 रुपए प्रति क्विंटल की दर से और रागी की खरीदी 3377 रूपए प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है.


करोड़ो का हो रहा मुनाफा
पिछले एक साल में प्रमाणित बीज उत्पादक किसानों की संख्या में लगभग 5 गुना और इससे होने वाली आय में चार गुना की वृद्धि हुई है. साल 2021-22 में राज्य के 11 जिलों के 171 किसानों द्वारा 3089 क्विंटल प्रमाणित बीज का उत्पादन किया गया, जिसे बीज निगम ने 4150 रूपए प्रति क्विंटल की दर से किसानों से खरीद कर उन्हें एक करोड़ 28 लाख 18 हजार रूपए से अधिक की राशि भुगतान किया है. राज्य के किसानों द्वारा उत्पादित प्रमाणित बीज, सहकारी समितियों के माध्यम से बोआई के लिए भी दिया जा रहा है.


बिकता था औने-पौने दाम पर
बता दें कि पहले भी किसान कोदो, कुटकी और रागी की खेती करते थे लेकिन उनको फसल का ठीक दाम नहीं मिलता था. इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता था. अब छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन लागू किया गया है. इसके चलते राज्य में कोदो, कुटकी और रागी (मिलेट्स) की खेती को लेकर किसानों का रूझान बहुत तेजी से बढ़ा है. पहले औने-पौने दाम में बिकने वाले मिलेट्स अब छत्तीसगढ़ राज्य में अच्छे दामों में बिकने लगे हैं.


लगता है धान से कम पानी 
ऐसी कृषि भूमि जहां धान का नाममात्र उत्पादन होता है, वहां कोदो की खेती किया जाना ज्यादा लाभकारी है. कोदो की खेती को कम पानी और कम खाद की जरूरत पड़ती है. इसके कारण इसकी खेती में लागत बेहद कम आती है और उत्पादक किसानों को लाभ ज्यादा होता है. राज्य में मिलेट्स उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इसको राजीव गांधी किसान न्याय योजना में शामिल किया गया है. मिलेट्स उत्पादक किसानों को धान के किसानों की तरह प्रति एकड़ 9 हजार रूपए इनपुट सब्सिडी दी जा रही है.


प्रति एकड़ का लक्ष्य
बीज प्रमाणीकरण संस्था के अपर संचालक ए.बी.आसना ने बताया कि राज्य में कोदो, कुटकी और रागी की खेती को राज्य में लगातार विस्तारित किया जा रहा है, जिसके चलते राज्य में इसकी खेती का रकबा 69 हजार हेक्टेयर से बढ़कर एक लाख 88 हजार हेक्टेयर हो गया है. मिलेट की खेती को प्रोत्साहन, किसानों को प्रशिक्षण, उच्च क्वालिटी के बीज की उपलब्धता और उत्पादकता में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए राज्य में मिलेट मिशन संचालित है. छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के तहत मिलेट की उत्पादकता को प्रति एकड़ 4.5 क्विंटल से बढ़ाकर 9 क्विंटल यानि दोगुना किए जाने का भी लक्ष्य रखा गया है.


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