Solar Eclipse 2022: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में आज सुबह 4 बजे से सूर्य ग्रहण का सूतक काल (Surya grahan Sutak time) शुरू हो गया है. 12 घंटे तक छत्तीसगढ़ के शुभ कार्य नहीं किए जाएंगे. मंदिरों के पट भी बंद किए गए हैं. इसके चलते दिवाली (Diwali 2022) के अगले दिन मनाए जाने वाले त्योहार गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja 2022) प्रभावित हो रही है. राज्य में आज गोवर्धन पूजा नहीं मनाई जाएगी और न ही लक्ष्मी माता का विसर्जन किया जाएगा.
दिवाली में सूर्य ग्रहण
दरअसल धनतेरस के साथ दिवाली का पर्व शुरू हो जाता है. इस साल 22 और 23 दोनों तारीखों को धनतेरस मनाया गया है. इसके बाद 24 को बड़ी दिवाली बड़े उत्साह से मनाया गया है. लक्ष्मी माता घर घर विराजमान हुई हैं लेकिन अगले दिन 25 अक्टूबर सुबह 4 :51 बजे से ही सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022 Timings In Chhattisgarh) लग रहा है. इस लिए 25 अक्टूबर को आयोजित कार्यक्रमों को 26 अक्टूबर को शिफ्ट किया गया है.
अब कल मनाई जाएगी गोवर्धन पूजा
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री हर साल दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा मुख्यमंत्री निवास में मानते हैं. इसके लिए मुख्यमंत्री निवास को सजाया भी गया है लेकिन इस साल 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण होने की वजह से मुख्यमंत्री निवास पर गोवर्धन पूजा का आयोजन 26 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे किया जाएगा. गोवर्धन पूजा पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गाय की पूजा अर्चना कर चारा खिलाते हैं. यही परंपरा पूरे प्रदेश में निभाई जाती है. पशुपालक अपने गाय बैल की पूजा अर्चना करते हैं और उन्हें खाना खिलाते हैं.
शाम 4:51 बजे लगेगा सूर्य ग्रहण
रायपुर के महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि, आज सुबह 4:51 बजे सूतक प्रारंभ हो गया है. शाम 4:51 मिनट पर ग्रहण दिखना शुरू हो जाएगा. छत्तीसगढ़ में केवल 38 मिनट के लिए सूर्य ग्रहण होगा इसके बाद 5:29 बजे सूर्य ग्रहण समाप्त हो जायेगा. इसके बाद लोग पूजा पाठ कर सकते हैं. लक्ष्मी माता का विसर्जन 26 अक्टूबर को होगा लेकिन कुछ लोगों ने आज सुबह 4 बजे के पहले ही कर दिया है.
कैसे होता है सूर्य ग्रहण
सूर्य जब चंद्रमा और पृथ्वी से ढक जाता है तो उसे सूर्य ग्रहण कहा जाता है. गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी और सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं. पृथ्वी साल भर सूर्य के चक्कर काटती है. पृथ्वी की परिक्रमा चंद्रमा करता है. ये एक उपग्रह है. चंद्रमा को पृथ्वी का एक चक्कर लगाने में 27 दिन लगते हैं. कई बार ऐसा होता है कि चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के लाइन में आ जाते हैं. इससे सूर्य की रौशनी धरती तक नहीं आती है. इसे ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है और भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते.
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