Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय कोयला और खनन मंत्री को पत्र लिखा लिखा है. उन्होंने राज्य के स्टील उत्पादकों और अन्य लघु इकाईयों को एसईसीएल से हर माह 1.50 करोड़ टन कोयला प्रदान करने का अनुरोध किया है. सीएम ने अपने पत्र में केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ के लघु उद्योगों को कोयले की आपूर्ति न किया जाना अत्यन्त दुर्भाग्यजनक निर्णय होगा.
अगस्त महीने से लघु उद्योगों को नहीं मिलेगा कोयला
दरअसल, एसईसीएल ने छत्तीसगढ़ के स्टील उत्पादक उद्योगों को अगस्त माह से कोयले की आपूर्ति को रोकने का निर्णय लिया है. इस फैसले से राज्य के लाखों लोगों की जीविका पर असर पड़ेगा. इस लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को केंद्रीय कोयला और खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य के स्टील निर्माताओं को वर्तमान में 60 लाख टन कोयला प्रतिमाह एसईसीएल द्वारा दिया जा रहा है, जबकि उनकी मासिक आवश्यकता लगभग 1.50 करोड़ टन है. एसईसीएल द्वारा छत्तीसगढ़ के स्टील उत्पादक उद्योगों को अगस्त माह से कोयले की आपूर्ति को रोकने के निर्णय राज्य की अर्थव्यवस्था पर गंभीर संकट उत्पन्न हो जाएगा.
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लाखों लोगों की जीविका पर पड़ेगा असर
पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि "छत्तीसगढ़ राज्य मे प्रतिवर्ष 15 करोड़ टन से अधिक कोयले का उत्पादन होता है. कोयला उत्पादन में छत्तीसगढ़ का देश में दूसरा स्थान है. राज्य में उत्पादित कोयले का अधिकांश भाग अन्य राज्यों को भेजा जाता है. छत्तीसगढ़ स्टील उत्पादन के क्षेत्र में भी देश के अग्रणी राज्यों में से है. राज्य में अनेक बड़ी स्टील उत्पादक इकाईयों के अलावा सैकड़ों छोटी इकाईयां भी हैं, जो लाखों लोगों की जीविका का आधार है.
कोयला के लिए छत्तीसगढ़ की यात्री ट्रेन का परिचालन बंद किया गया
पिछले 6 महीनों में देश में कोयले का संकट उत्पन्न होने के कारण देश के अन्य भागों में छत्तीसगढ़ राज्य में उत्पादित कोयले को प्राथमिकता के आधार पर रेल मार्ग से भेजने के कारण कई महीनों से राज्य की यात्री ट्रेनों का परिचालन बन्द है. जिससे लाखों लोगों को असंख्य कठिनाइयों का सामना करना पड़ रह है और ऐसी ही स्थिति रही तो स्टील उत्पादक उद्योगों में तालेबंदी की नौबत आ जाएगी. मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को पत्र के जरिए कहा कि आप सहमत होंगे कि देश के अग्रणी कोयला उत्पादक राज्य को उसके लघु उद्योगों को कोयले की आपूर्ति न किया जाना अत्यन्त दुर्भाग्यजनक निर्णय होगा.