Raipur News: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोल बाजार के व्यापारियों को एक और सौगात दी है. सीएम ने मालिकाना हक के बाद अब विकास और निर्माण शुल्क भी माफ करने का एलान किया है. मुख्यमंत्री का फैसला कोरोना संकट काल से उबरे व्यापारियों को बड़ी राहत लेकर आएगा. गोल बाजार के हजारों व्यापारी लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे. शनिवार को गोल बाजार व्यापारी महासंघ के पदाधिकारियों ने भूपेश बघेल के निवास कार्यालय में मुलाकात की. इस दौरान व्यापारी महासंघ ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बताया कि गोल बाजार में कई व्यापारी छोटे-छोटे व्यवसाय करते हैं.
गोल बाजार के व्यापारियों को एक और सौगात
कोरोना काल में इन व्यापारियों को भी मंदी का सामना करना पड़ा है. उनकी परिस्थितियों को देखते हुए इनका निर्माण शुल्क और विकास शुल्क माफ किया जाना चाहिए. व्यापारियों के अनुरोध पर मुख्यमंत्री ने तुरंत निर्माण शुल्क और विकास शुल्क माफ करने की घोषणा की. इस घोषणा से गोल बाजार में कारोबार करने वाले लगभग एक हजार से अधिक व्यापारियों को लाभ मिलेगा. गोल बाजार अंग्रेजों के समय का बाजार है. देश की आजादी के बाद इसे गांधी बाजार अ और ब का नाम दिया गया था. व्यापारी गोल बाजार में 125 साल से व्यवसाय कर रहे हैं.
कोरोना वायरस ने उड़ाई थी बाजार की रौनक
हर साल गोल बाजार से हजारों करोड़ का कारोबार होता है. लेकिन बीते दो साल में बाजार की रौनक कोरोना के चलते उड़ गई है. छोटे व्यापारी दुकान बंद करने पर मजबूर हो गए थे. गोल बाजार का ऐतिहासिक महत्व है. जन्म से मृत्यु तक उपयोग होने वाला हर सामान गोल बाजार में मिल जाता है. ताला बनाने वाले, चाबी बनाने वाले, फोटो फ्रेम बनाने वाले, रंगोली बेचने वाले, चूड़ी बेचने वाले, फुंदरी बेचने वाले, मटका बेचने वाले, नारियल बेचने वाल, रुई बेचने वाले, पेटी बेचने वाले, छोटे व्यापारी भी व्यवसाय करते हैं. गोल बाजार में संकरी संकरी गलियां हैं. 3 से लेकर 5 फीट की गली मिल जाएगी. इसके बावजूद गोल बाजार 125 साल से इसी तरह चल रहा है.