Raipur: राहुल गांधी ने की अडानी ग्रुप की ईस्ट इंडिया कंपनी से तुलना, महाधिवेशन में क्या कहा- एक क्लिक में पढ़ें पूरा स्पीच
कांग्रेस महाधिवेशन के तीसरे दिन राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा की कहानी से संबोधन शुरू करते हुए कहा कि लोगों से मिलता था, उनके हाथ पकड़ता था तो उनके दुख दर्द बिना बोले समझ लेता था.
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Raipur Latest News: कांग्रेस के महा अधिवेशन में राहुल गांधी (Rahul Gandhi ) ने एक बार फिर अदानी ग्रुप (Adani Group) पर हमला बोला है. राहुल गांधी ने अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी की तुलना अदानी ग्रुप से की है. उन्होंने कहा कि जिस तरह देश की संपत्ति को ईस्ट इंडिया कंपनी ने उठा लिया, आज इतिहास रिपीट हो रहा है. देश के खिलाफ काम होता है तो कांग्रेस लड़ती है और आज भी लड़ेगी. उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा की तरह आगे भी हमारी तपस्या जारी रहेगी.
बोले राहुल गांधी, बिना बोले समझ लेता था दर्द
कांग्रेस महाधिवेशन के तीसरे दिन राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा की कहानी से संबोधन शुरू किया. उन्होंने कहा कि लोगों से मिलता था, उनके हाथ पकड़ता था तो उनके दुख दर्द बिना बोले समझ लेता था. सब ट्रांसमिशन हो जाता था. 10 से 15 दिन तक मैं अहंकार में चला, घमंड में था कि रोज 10 से 12 किलोमीटर दौड़ सकता हूं तो 20 से 25 किलोमीटर क्यों नहीं, लेकिन मैं गलत था. शुरुआत में बोलने की जरूरत होती थी, क्या करते हो, कितने बच्चे हैं, क्या मुश्किलें है. ये एक डेढ़ महीने चला. इसके बाद बोलने की जरूर नहीं होती. जैसे ही हाथ पकड़ा, गले लगे, उनकी मेहनत और उनका दर्द समझ में आ जाता था. मैं कुछ कहना चाहता था, बिना कुछ बोले ही लोग समझ जाते थे.
भारत माता के मैसेज के बाद मेरा घमंड टूटा : राहुल गांधी
भारत माता ने मुझे मेसेज दिया. देखो तुम अगर निकले हो, कन्याकुमारी से कश्मीर चलने निकले हो तो अपने दिल से अहंकार निकालो. मुझमें इतनी शक्ति नहीं थी कि इस बात को न सुनुं. पहले किसान से मिलता था, मैं उसे अपना ज्ञान समझाने की कोशिश करता था. आज थोड़ी जो मुझमें जानकारी है. खेती और मनरेगा के बारे में, दवाई के बारे में कहने की कोशिश करता था. धीरे-धीरे ये सब बंद हो गए.
राहुल बोले, अपना घर साथ लेकर चलता था मैं
राहुल गांधी ने 1977 के चुनाव की कहानी सुनाई. उन्होंने कहा कि मां बैठी है, मैं छोटा सा था. 1977 की बात है. चुनाव के बारे में कुछ मालूम नहीं था. छह साल का था मैं. एक दिन घर में अजीब सा माहौल था. मां के पास गया पूछा मम्मी क्या हुआ? मां कहती है हम घर छोड़ रहे हैं. तब तक मैं सोचता था कि वो घर हमारा था. मां ने हमें बताया कि ये हमारा घर नहीं है, ये सरकार का घर है. अब हमें यहां से जाना है. कहां जाना है, वो कहती हैं कि नहीं मालूम. मैं हैरान हो गया. मैं सोचा था, वो हमारा घर था. 52 साल हो गए, मेरे पास घर नहीं है. आज तक घर नहीं है, हमारे परिवार का घर है. जो घर होता है, उससे अजीब सा रिश्ता होता है. रहता हूं, लेकिन मेरे लिए वो घर नहीं है. कन्याकुमारी से निकला, मैने पूछा मेरी जिमेदारी क्या बनती है.
भारत का दर्शन और समझने के लिए निकला हूं. लाखों लोगों की भीड़ है, मेरी क्या जिम्मेदारी है. मैंने थोड़ी देर सोचा फिर मेरे दिमाग में आइडिया आया, मैंने मेरे ऑफिस के लोगों को बुलाया. हजारों लोग चल रहे हैं, धक्का लगगा, चोट लगेगी. मेरे साइड में सामने 20-25 लोग आएंगे. हमसे मिलने आएंगे.
अगले चार महीने के लिए हमारा घर हमारे साथ चलेगा. सुबह छह से शाम सात बजे तक घर हमारे साथ चलेगा. इस घर में जो भी आएगा, अमीर, गरीब, बुजुर्ग, युवा, बच्चा जो भी हो, किसी भी धर्म का, स्टेट का हो, हिंदुस्तान से बाहर का हो, जानवर हो, उसको ये लगना चाहिए कि मैं आज अपने घर आया हूं.
कश्मीरी युवाओं ने तिरंगा फहराया
राहुल गांधी ने कहा कि जब जम्मू कश्मीर पहुंचे तो वहां के युवाओं ने मुझसे पूछा कि जब कश्मीर के लोगों को दुख होता है, हमारे दिल में चोट लगती है. बाकी हिंदुस्तान को खुशी क्यों होती है. फिर राहुल गांधी ने कहा कि मैं कन्याकुमारी से यहां तक आया हूं. वैली में घुसते बदल छा जाते हैं. पुलिसवालों ने कहा दो हजार लोग आएंगे. लेकिन, 40 हजार लोग आए. हिंदुस्तान के सबसे टेरिस्ट इन्फेक्टेट जिले में सब जगह तिरंगा दिखा. हमारे साथ केवल 125 यात्री थे.
कश्मीर के लोगों ने तिरंगा उठाया था. यही कहानी पूरे कश्मीर में हुई. पहाड़ों पे, सड़क पे यहां तक कि कश्मीरी युवाओं के हाथों में भी तिरंगा था. यह सब देख सीआरपीएफ के लोगों ने भी कहा कि ऐसा हमने पहले कभी नहीं देखा.
पीएम पर निशाना, उन्हें फर्क समझ में नहीं आता
लोकसभा में पीएम मोदी के भाषण पर राहुल गांधी ने फिर से हमला बोला. उन्होंने कहा कि पीएम का भाषण सुना, कहते हैं मैंने भी जाकर लाल चौक पर तिरंगा फहराया था. मैं सुन रहा था, मैंने सोचा, देखिए देश के पीएम को बात समझ में नहीं आई. नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के 15- 20 लोगों के साथ जाकर लाल चौक पर तिरंगा फहराया.
राहुल गांधी ने कहा-''भारत जोड़ो यात्रा ने लाखों कश्मीरियों से तिरंगा फहरवाया. लेकिन, पीएम को फर्क समझ में नहीं आया. हमने हिंदुस्तान की भावना जम्मू कश्मीर के मन में डाल दी. आपने (नरेंद्र मोदी) उनकी भावना छीन ली. ये झंडा है, दिल की भावना है, दिल के अंदर से आती है. हमने इस भावना को कश्मीर के युवाओं के दिल में जगाया.''
आरएसएस को बताया सत्ताग्रही
राहुल गांधी ने चीन के मुद्दे पर कहा कि सरकार की सोच के बारे में आपको बताता हूं. एक सरकार के मंत्री ने इंटरव्यू में कहा कि चाइना की इकोनॉमी इंडिया की इकोनॉमी से बड़ी है, तो हम उनसे कैसे लड़ सकते हैं. जब अंग्रेज हम पर राज करते थे, उनकी इकोनॉमी हमसे छोटी थी क्या? इसका मतलब है शक्तिमान से लड़ो ही मत, कमजोर से लड़ो. इसको तो कायरता कहा जाता है. सावरकर की विचार धारा आपसे मजबूत है तो उसके सामने सिर झुका दो.
ये कौन सी देश भक्ति है, जो आपसे कमजोर है. राहुल गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी सत्याग्रह की बात करते थे. इसका मतलब सत्ता के रास्ते में कभी मत चलो. इनके लिए आरएसएस, बीजेपी वालों हम कांग्रेस सत्याग्रही और वो सत्ताग्रही हैं. सत्ता के लिए कुछ भी करेंगे. किसी के सामने झुक जाएंगे. ये उनकी सच्चाई है.
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