Raipur Crime Report 2021: साल 2022 के शुरुआत के साथ छत्तीसगड़ के रायपुर जिल की क्राइम रिपोर्ट सामने आई है. पिछले साल की तुलना में जिले में लूट, चोरी और जुआ के मामले बढ़े हैं. लूट में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है. इधर सड़क हादसे पर भी नियंत्रण की जरूरत है. सड़क दुर्घटना में रायपुर जिले में औसतन हर महीने 38 लोगों की मौत हो रही है. दरअसल 2021 खत्म होने के साथ रायपुर पुलिस ने जिले में हुए दुर्घटनाओं की रिपोर्ट आम कर दी है. इसमें खुलासा हुआ है कि 25 दिसंबर 2021 तक 1704 दुर्घटनाओं में 456 लोगों की मृत्यु हुई है और 1238 लोग घायल हुए हैं.

 

वहीं 2020 को बात करें तो 1786 दुर्घटनाओं में 482 की मृत्यु हुई थी और 1284 लोग घायल हो गये थे. इस लिहाजा से पिछले वर्ष से की तुलना में 5.39 प्रतिशत की कमी देखी गई है. एक साल में 52 सप्ताह होते हैं और रायपुर जिले में हर सप्ताह एक नागरिक की औसत हत्याएं हो रही है. रायपुर पुलिस की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष हत्या के 58 प्रकरण सामने आए. इनमे से से 51 प्रकरणों में कुल 98 आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है. फिलहाल राहत इस बात की है कि आंकड़े 2020 के मुकाबले 30 प्रतिशत कम है. वर्ष 2020 में हत्या के 76 मामले हुए थे और पिछले वर्ष हत्या के प्रयास के 91 मामले दर्ज हुए थे. इस वर्ष 63 मामलों में से 48 प्रकरणों में कुल 116 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

 

रायपुर में लूट के मामले में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी

 

लूट के मामले में भी पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 30 प्रतिशत बढ़ गई है. 2020 में 55 प्रकरण सामने आए थे. इस बार 73 मामले दर्ज किए गए हैं. आपको बता दें कि इस साल लूट के 73 मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें मशरूका 61,62,515 रुपये है, बाजाप्ता 54,96,440 रुपये है जो कि 89. 19% है. वहीं पिछले वर्ष 55 थे, जिसमें 28,61,360 रुपये मशरूका में, 250,88,10 रुपये बाजाप्ता किया गया था, जिसकी प्रतिशत 87.80% थी. हालांकि पुलिस का कहना है कि इस साल मोबाइल छीन लेने को भी लूट के दायरे में लाए जाने से इस अपराध के आंकड़ों में वृद्धि हुई है.

 

चोरी की रकम बरामद करने में फिसड्डी साबित हुई पुलिस

 

रायपुर जिले में इस वर्ष लूट के साथ चोरी के मामलों में भी वृद्धि हुई है और रायपुर पुलिस चोरी की रकम बरामद करने में फिसड्डी साबित हुई है. दरअसल पिछले वर्ष 1138 चोरी के मामले सामने आए थे. इस वर्ष 1462 मामले सामने आए हैं. 2020 में 2 करोड़ 96 लाख 84 हजार 84 रुपए मशरूका है, जिसमें पुलिस को बाजप्ता 15 लाख 54 हजार 906 रुपए है. यानी कुल 5.24 प्रतिशत चोरी को रकम वापस हुई. वहीं इस वर्ष की बात करें तो 1462 प्रकरणों में मशरूका 6 करोड़ 78 लाख 19 हजार 780 रुपए और बाजाप्ता 2 करोड़ 47 लाख 63 हजार 949 रुपए और कुल 38.51 प्रतिशत रुपये पुलिस ने बरामद किए हैं.

 



 

सट्टा खेलने के 681 आरोपियों के खिलाफ हुई कार्रवाई

 

सट्टा के 653 प्रकरणों में 681 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई और 39 लाख 61 हजार रुपये जब्त किए गए. जुआ के 406 प्रकरणों में 1737 खिलाफ कार्रवाई की गई और 1 करोड़ 37 लाख 54 हजार रुपये बरामद किए गए, जबकि पिछले वर्ष 2020 में 280 प्रकरण में 1764 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर 96 लाख 22 हजार रुपये बरामद किए गए थे. आबकारी एक्ट के तहत 1884 प्रकरणों में 1955 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई.

 

डकैती के मामलों में आई कमी

 

नकबजनी के 514 मामले दर्ज किए गए हैं. पिछले साल 481 मामले दर्ज हुए थे, इसमें भी आंशिक वृद्धि देखी गई है. 2020 में बलवा के 96 मामले थे, इस साल 60 मामले दर्ज किए गए हैं. इसी प्रकार धोखाधड़ी के इस साल 240 प्रकरण हैं. 2020 में 239 प्रकरण दर्ज हुए थे. डकैती के 3 प्रकरणों के 19 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. 2020 की तुलना डकैती का अपराध लगभग आधा हो गया है. पिछले वर्ष डकैती के 07 मामले थे.

 

एसपी ने बोले- इस साल बेहतर करने की कोशिश करेंगे

 

क्राइम रिपोर्ट को लेकर रायपुर एसपी प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि चोरी, लूट की रिकवरी का प्रतिशत काफी बढ़ा है. पिछले साल की तुलना में आगे और बेहतर करने की कोशिश करेंगे. कई महत्वपूर्ण प्रकरण में रायपुर पुलिस ने सफलता प्राप्त की है. रकम की रिकवरी हुई है, हुक्का बंद किया गया है. जुआ-सट्टा में अच्छी कार्रवाई हुई है. ट्रैफिक जागरूकता का अभियान चलाया जा रहा है. ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा है.

 

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