Raipur News: छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने बीजेपी (BJP) के सरकार में शुरू हुए कमल विहार प्रोजेक्ट (Kamal Vihar Project) का नाम बदलकर कौशल्या विहार (Kaushalya Vihar) कर दिया गया है. इसको लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी ने मुख्यमंत्री की घोषणा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहां कौशल्या माता के नाम पर केवल राजनीति की जा रही है. अगर नाम बदलना है तो इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय (Indira Gandhi University) का नाम बदलकर माता कौशल्या के नाम पर क्यों नहीं रखते.
मुख्यमंत्री ने कमल विहार प्रोजेक्ट का बदला नाम
दरअसल, मंगलवार को रायपुर ग्रामीण में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भेंट मुलाकात कार्यक्रम किया. इसमें बड़ी संख्या में लोग अपनी समस्या लेकर पहुंचे. इस बीच मुख्यमंत्री ने कमल विहार को कौशल्या विहार बनाने की घोषणा कर दी और अमलीडीह के महाविद्यालय का नामकरण कौशल्या माता के नाम पर करने की घोषणा की दी है. इसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए तत्कालीन बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि "कमल विहार प्रोजेक्ट पर बहुत लंबे समय से विवाद चलता रहा, सैकड़ो करोड़ रुपए का कर्जा रहा था. हमारी सरकार ने 450 करोड़ रुपए का कर्जा को 125 करोड़ के आस पास लाया है. अब मैं समझता हूं माता कौशल्या के नाम से नामकरण हो गया है तो सारा कर्जा भी जल्द छूट जायेगा और विकास की गति में भी तेजी आएगी."
बीजेपी ने कहा-भूपेश बघेल को है कमल से एलर्जी
रमन सिंह सरकार में पीडब्लूडी मंत्री रहे राजेश मूणत ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाया. राजेश मूणत ने कांग्रेस पर माता कौशल्या के नाम पर केवल राजनीति करने का आरोप लगाया है. मूणत ने कहा कि कमल विहार पर कार्य और नामकरण बीजेपी शासनकाल में हुआ. भूपेश बघेल को कमल विहार नाम से एलर्जी क्यों है. अगर बदलना है तो इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय का नाम बदलकर माता कौशल्या के ऊपर क्यों नहीं कर देते. साथ ही मूणत ने यह भी कहा है कि माता कौशल्या के नाम पर विरोध नहीं है.
रमन सिंह सरकार में पीडब्लूडी मंत्री रहे राजेश मूणत ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाया. राजेश मूणत ने कांग्रेस पर माता कौशल्या के नाम पर केवल राजनीति करने का आरोप लगाया है. मूणत ने कहा कि कमल विहार पर कार्य और नामकरण बीजेपी शासनकाल में हुआ. भूपेश बघेल को कमल विहार नाम से एलर्जी क्यों है. अगर बदलना है तो इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय का नाम बदलकर माता कौशल्या के ऊपर क्यों नहीं कर देते. साथ ही मूणत ने यह भी कहा है कि माता कौशल्या के नाम पर विरोध नहीं है.
बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस ने बीजेपी पर कौशल्या माता के अस्तित्व की उपेक्षा को लेकर आरोप लगाया है. प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "15 साल तक रमन शासनकाल में छत्तीसगढ़ की बिटिया और मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी की माता कौशल्या माता जी को कभी याद नहीं किया गया. भाजपा का राम नाम का जाप राम भक्तों से मात्र वोट बटोरने और चंदा वसूलने तक ही सीमित है."
कांग्रेस इस लिए बीजेपी को कौशल्या माता के नाम पर घेरती है
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कौशल्या माता मंदिर के नाम पर कांग्रेस बीजेपी को लगातार घेरती रही है. क्योंकि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कौशल्या माता मंदिर को रिडेवलपमेंट के काम को तेजी से करवाया है. इसके साथ भगवान राम के ननिहाल के रूप में छत्तीसगढ़ को पहचान दिलाने के लिए बड़े बड़े आयोजन करवाए जा रहे है. वहीं राज्य में भगवान राम के वनवास के दौरान राज्य के जिन इलाकों उनका गुजरना हुआ उसे राम वन पथ गमन के नाम से विकसित किया जा रहा है.