Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) में एक अनोखी शादी (Marriage) हुई है, जिसमें दूल्हा (Groom) और दुल्हन (Bride) दोनों ही बोल सुन नहीं सकते हैं. लेकिन उन्हें विवाह के सभी मंत्र और वचनों को साइन लैंग्वेज में समझाया गया है. इस अनोखी शादी में बड़ी संख्या में रायपुरवासी शामिल हुए और वर-वधू को आशीर्वाद दिया. दूल्हा-दुल्हन ने विवाह की सारी रस्में साइन लैंग्वेज में पूरी कीं तो वरमाला सेरेमनी को वीरभद्रासन में किया गया है.


मीनाक्षी और लक्की की ऐसे हुई शादी


दरअसल रायपुर के सुंदर नगर में योग दिवस पर ये शादी हुई. इसमें 23 वर्ष की मूक बधिर मीनाक्षी का विवाह दुर्ग के 29 वर्षीय मूक बधिर लक्की श्रीवास्तव के साथ कराया गया है. मीनाक्षी अनाथ है और पिछले 5 साल से रायपुर कोपलवाणी में रह रही थी. दोनों के शादी वैदिक रीति-रिवाज के साथ कराई गई. जिसमें कई सामाजिक संगठनों ने शादी करवाने में मदद की है. बर्तन बैंक ने शादी में एक भी प्लास्टिक के उपयोग को रोका तो दूसरे सामाजिक संगठनों ने खाने-पीने और साउंड सिस्टम जैसे तमाम व्यवस्था की जिम्मेदारी उठाई.


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साइन लैंग्वेज में समझाया गया मंत्रों का अर्थ


इस शादी में बहुत कुछ खास रहा. शादी के सात वचनों को कोपल वाणी की संचालक पदमा शर्मा ने साइन लैंग्वेज में वर वधु को अर्थ समझाया. उन्होंने बताया कि मीनाक्षी अनाथ है. कई सालों से नारी निकेतन में रह थी. लेकिन मूक बधिर होने के कारण कोपलवाणी भेज दिया गया. जहां पिछले 5 साल से मीनाक्षी कोपलवाणी में रह रही है. यहां मीनाक्षी ने साइन लैंग्वेज और आर्ट एंड क्राफ्ट सीखा है. 


सामाजिक संगठनों ने निभाई परिवार की जिम्मेदारी


कोपलवाणी की संस्थापक पद्मा शर्मा ने बताया कि यह एक अद्भुत प्रयोग है, जिसमें एक बालिका मीनाक्षी की शादी में माता-पिता, भाई-बहन, बड़ी मां-मौसी के रूप में समाजसेवी उपस्थित रहे. शुरुवाती दौर में ऐसा सोचा गया था कि मात्र 11 कपड़ों में हम मीनाक्षी को विदा कर पाएंगे, लेकिन रायपुर शहर में समाजसेवियों की सेवा भाव की वजह से मीनाक्षी को हर वो उपहार दिया गया जो एक माता-पिता अपनी बेटी को देते हैं.


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