Chhattisgarh News: जुलाई का महीना GST में बड़े बदलाव के साथ शुरू होगा. इसमें राज्यों के लिए 14 प्रतिशत संरक्षित राजस्व और क्षतिपूर्ति का समाप्त भी कर दिया जाएगा. इसके लेकर छत्तीसगढ़ के वाणिज्य कर मंत्री टी एस सिंहदेव ने आपत्ति दर्ज कराई है और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर संरक्षित राजस्व और क्षतिपूर्ति व्यवस्था आगामी 5 साल तक जारी रखने की मांग की है.


सिंहदेव ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखा पत्र


दरअसल, 30 जून को राज्यों के लिए 14 प्रतिशत संरक्षित राजस्व और क्षतिपूर्ति व्यवस्था समाप्त की जा रही है. इससे राज्यों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इस लिए मंत्री टी एस सिंहदेव ने पत्र लिखा है. 25 जून से कोरोना पॉजिटिव हो गए है इसलिए जीएसटी काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे. लेकिन मंत्री सिंहदेव ने अपने सुझाव पत्र को परिषद की बैठक में शामिल करने का आग्रह केंद्रीय वित्त मंत्री से किया है.


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संरक्षित राजस्व के प्रावधान को 5 साल तक जारी रखने की मांग 


वाणिज्य कर मंत्री टी एस ने अपने पत्र में लिखा है कि 14% संरक्षित राजस्व का प्रावधान 30 जून 2022 से समाप्त हो जाएगा. इसे कम से कम 5 साल तक जारी रखा जाना चाहिए, क्योंकि विशेष रूप से खनन और विनिर्माण राज्य, जो उपभोक्ता नहीं हैं, उनको बहुत अधिक राजस्व का नुकसान होता है. इसको समझाने के लिए सिंहदेव ने 10 सामानों का विवरण दिया है और  इनके VAT और GST के अंतर को बताया है.


VAT और GST में राशि का अंतर


लौह और स्टील (VAT 1600 Cr - GST 350Cr) अंतर 1250 Cr
कोयला (VAT 800 Cr - GST 200 Cr) अंतर 600 Cr
धान (VAT 590 Cr - GST 0Cr) अंतर 590 Cr
तेंदूपत्ता (VAT 110 Cr - GST 10Cr) अंतर 100 Cr
एल्यूमीनियम (VAT 19Cr - GST 5Cr) अंतर 14 Cr
मदिरा (VAT 18Cr - GST 0Cr) अंतर 18Cr
किराना (VAT 15 Cr - GST 25Cr) अंतर 10 Cr
टिंबर (VAT 15 Cr - GST 20Cr) अंतर 5 Cr
खाद्य तेल (VAT 55 Cr - GST 12Cr) अंतर 43 Cr
ट्रैक्टर (VAT 25 Cr - GST 12Cr) अंतर 13 Cr


छत्तीसगढ़ के राजस्व का भारी नुकसान 


इसके आगे सिंहदेव ने लिखा कि जीएसटी के तहत राज्य को वित्तीय वर्ष 2018-19 में 2,786 करोड़, 2019-20 में 3,176 करोड़, 2020-21 में 3,620 करोड़, 2021-22 में 4,127 करोड़ का भारी राजस्व नुकसान हुआ, जिसे उपकर प्रावधान के माध्यम से मुआवजा देने के लिए प्रदान किया गया था. यदि हमें भारत की एक प्रभावी संघीय इकाई के रूप में कार्य करना है, तो राजस्व के ऐसे नुकसान के साथ सामाजिक क्षेत्र में पूंजी शीर्ष विकास, रोजगार और निवेश का निवेश करना असंभव होगा. जिसकी भरपाई नहीं की जाती है. इसकी 14% संरक्षित राजस्व प्रावधान को जारी रखने के लिए जीएसटी परिषद में प्रस्ताव प्रस्तुत कर रहे हैं.


सीजीएसटी और एसजीएसटी के फॉर्मूला बदलना चाहिए
 
मंत्री ने कहा यदि सुरक्षात्मक राजस्व प्रावधान जारी नहीं रखा जाता है तो सीजीएसटी और एसजीएसटी के लिए 50% फॉर्मूला को एसजीएसटी 80-70% और सीजीएसटी 20-30% में बदल दिया जाना चाहिए. संविधान के अक्षर और आत्मा हमारे देश के संघीय ढांचे को स्पष्ट रूप से बताता है. यदि राज्य सरकार अपने नागरिकों की जरुरतों और आकांक्षाओं को पूरा करने में असमर्थ है तो सभी राज्य सरकारों के लिए मजबूत और स्वतंत्र वित्तीय संसाधनों के बिना हमारे संविधान में वर्णित संघीय संरचना निरर्थक हो जाएगी. 


सिंहदेव ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया जिक्र


टी एस सिंहदेव ने जीएसटी काउंसिल की शक्तियों और परिषद की प्रकृति पर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हवाला देकर आगे लिखा है कि जीएसटी काउंसिल बारे में सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय दिया है कि जब तक हम जीएसटी परिषद में इसके सदस्य के रूप में एकतरफा रूप से भारत में प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लिए तर्कसंगत राजस्व प्राप्ति के माध्यम से वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित नहीं करते हैं, तब तक जिस अवधारणा के लिए जीएसटी परिषद को रखा गया था. वह अस्थिर प्रतीत हो सकती है.


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