Raipur Mitanin Strike: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पिछले एक महीने से कई सगठनों का बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर आंदोलन चल रहा है. पांच सूत्रीय मांगों को लेकर 29 दिनों से धरने पर बैठे मितानिनों संघ के प्रतिनिधिमंडल से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीएम हाउस में मुलाकात की. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मितानिन संघ के 5 प्रतिनिधिमंडल को बातचीत करने सीएम हाउस बुलाया था. प्रतिनिधिमंडल ने 5 सूत्रीय मांग सीएम भूपेश बघेल के सामने रखी.
मितानिनों की मांग पर विचार के लिए बनेगी कमेटी
मांगों पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाने को कहा. कमेटी मितानिन संघ की मांगों का परीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. टीम की रिपोर्ट के बाद मितानिन की मांग पर निर्णय लिया जाएगा. मितानिन संघ के पीलाराम पांडेय ने बताया कि धरने के 29 वें दिन मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई है. लेकिन उन्होंने मांगे पूरी करने के लिए आश्वासन नहीं दिया है. इस लिए मितानिन संघ ने मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया है. मितानिन संघ की मांग है कि राज्यांश को 75 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी किया जाना चाहिए.
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2018 विधानसभा चुनाव के पहले चुनावी घोषणापत्र में मितानिन टीम को प्रोत्साहन राशि के अतिरिक्त हर महीने 5 हजार रुपए दिए जाने का एलान किया गया था. उसे पूरा किया जाना चाहिए. इसके अलावा मितानिन को निर्धारित कार्य के पैसे मिलने चाहिए. अन्य काम कराने पर अतिरिक्त राशि का प्रावधान होना चाहिए. मितानिन की मौत या काम करने में असमर्थ होने पर नए चयन में परिवार वालों को प्राथमिकता मिले. बीसीएसपी एसएमटी और मितानिन की शिकायत संबंधी जांच और निराकरण बीएमओ की गाइडलाइन के अनुसार किया जाना चाहिए.
ग्राउंड पर करने वाली मितानिन का 29 दिनों से धरना
गौरतलब है कि सरकारी योजनाओं को जमीन पर अंजाम देने का काम मितानिन करती हैं. गांव में प्रेगनेंट महिला का प्रसव का काम मितानिन के जिम्मे है. सरकारी अस्पताल में ग्रामीणों के इलाज में सहयोग भी मितानिन करती हैं. कोरोना पर गांव गांव में जागरुकता के लिए अभियान मितानित चलाती हैं. इन सभी कामों को ग्राउंड पर करने वाली मितानिन 29 दिनों से धरने पर हैं. मितानिनों की हड़ताल से ग्रामीणों को इलाज में दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है.