Chhattisgarh News: छतीसगढ़ के रायपुर जिले से एक ट्रक में मवेशियों को ले जा रहे दो लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. वहीं एक गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है. पुलिस को भीड़ द्वारा हत्या करने का कोई सबूत अभी नहीं मिल पाया है. फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.


तभी पता लग पाएगा कि उन लोगों की मौत कैसे हुई. वहीं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार मृतकों के परिजनों का दावा है कि उनपर भीड़ ने हमला किया और महानदी में एक पुल से नीचे फेंक दिया. 


2 की मौत एक की हालत गंभीर
रायपुर ग्रामीण के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना शुक्रवार की सुबह रायपुर-महासमुंद अंतरजिला सीमा पर आरंग थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुई. पुलिस को सूचना मिली थी कि 30 फीट ऊंचे पुल के नीचे तीन लोग घायल हालत में पड़े हुए है. जिसके बाद पुलिस एक टीम घटना स्थल के रवाना हुई.


जिस ट्रक से वो लोग मवेशियों को ले जा रहे थे वो पुल पर पाया गया. पुलिस ने घटनास्थल पर जाकर देखा तो पाया कि तीन लोगों में से एक की मौत हो चुकी थी और दो को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन महासमुंद के अस्पताल में उनमें से एक घायल ने दम तोड़ दिया.


तीनों उत्तर प्रदेश के रहने वाले तीनों पीड़ित
मृतकों की पहचान गुड्डु खान उर्फ मोहम्मद तहसीन (35) और चांद मिया (33) के रूप में हुई. वहीं घायल सद्दाम कुरेशी को बाद में रायपुर के एक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया. तीनों उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे. एएसपी ने कहा कि गुड्डु खान सहारनपुर का रहने वाला था, जबकि चांद मिया शामली जिले का था. प्रारंभिक जांच के अनुसार, तीनों जानवरों के साथ महासमुंद से रायपुर की ओर जा रहे थे, तभी कुछ लोगों ने वाहन का पीछा किया. बाद में ट्रक को पुल पर खड़ा पाया गया.


पुलिस अधिकारी ने कहा कि जानवरों को जब्त कर लिया गया है और उन्हें गौशाला में स्थानांतरित कर दिया गया है. मृत व्यक्तियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. हमने डॉक्टरों से जल्द से जल्द एक संक्षिप्त रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है. हम रास्ते में लगे सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कर रहे हैं. अभी तक हमारे पास यह कहने के लिए कोई सबूत नहीं है कि यह मॉब लिंचिंग है.


पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
एएसपी राठौड़ ने कहा कि उनका पीछा करने वालों की पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि घायल व्यक्ति फिलहाल पुलिस को बयान देने की स्थिति में नहीं है. यह पूछे जाने पर कि क्या मृतकों के शरीर पर हमले के कारण बाहरी चोटें थीं, इसपर उन्होंने बताया कि चोट तो 30 फीट ऊंचाई से गिरने पर भी लग सकती है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही बता सकती है कि चोटें कैसे लगीं. 


भीड़ द्वारा हमला करने का आरोप
हालांकि, चांद और सद्दाम के चचेरे भाई शोएब ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भीड़ ने तीन लोगों पर हमला किया था. उन्होंने दावा किया कि उन्हें चांद मिया की तरफ से फोन किया गया था. उसने कहा कि जब उन पर हमला किया जा रहा था तो सद्दाम ने उनके दोस्त मोहसिन को बुलाया था. लेकिन इससे पहले की वो घटना की बुरी जानकारी देता कॉल कट गया था. शोएब ने कहा कि मोहसिन को की गई दूसरी कॉल करीब 47 मिनट तक जिसमें उसे कहते हुए सुना जा सकता है उसके शरीक के सारे अंग टूट गए.


सद्दाम को गुहार लगाते हुए सुना जा सकता है. उन्होंने दावा किया कि मेरा मानना है कि जब सद्दाम (मोहसिन) को कॉल कर रहा था तो उसने अपना फोन अपनी जेब में रख लिया था और वह कभी भी डिस्कनेक्ट नहीं हुआ, इसलिए सब कुछ स्पष्ट रूप से सुना जा सकता था. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच की जा रही है.


यह भी पढ़ें: Chhattisgarh Encounter: नारायणपुर में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में सात नक्सली मारे गए, DRG के 3 जवान घायल