Raipur News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शनिवार की सुबह प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हुई है. बूढ़ा तालाब से नगर निगम कार्यालय जाने वाले रास्ते को प्रदर्शनकारियों ने 12 घंटे से अधिक समय तक बंद कर दिया था. इसी सड़क को खोलने के लिए शनिवार सुबह पुलिस अफसर समेत बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे  लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने.


2500 संविदा विद्युत कर्मचारी करीब डेढ़ महीने से धरने पर 


प्रदर्शनकारी सीएम हाउस के घेराव के लिए अलग-अलग टुकड़ियों में बटने लगे, जिसका विरोध करने के लिए पुलिसकर्मी ने उन्हें रोका तो प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच जमकर झड़प हो गई. दरअसल बीते करीब डेढ़ महीने से 2500 संविदा विद्युत कर्मचारी नियमितीकरण समेत कई मांगों को लेकर रायपुर के बूढ़ा तालाब में धरना दे रहे है.


संविदा कर्मचारियों ने शुक्रवार को सीएम हाउस घेराव का एलान किया था.  सीएम हाउस जाने के लिए शाम 5:30 बजे बूढ़ा तालाब से सीएम हाउस की तरफ बढ़े तो थोड़ी ही दूरी पर स्मार्ट सिटी कार्यालय के पास पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक दिया. ऐसे में प्रदर्शनकारी रात भर सड़क पर डटे रहे.


संविदा कर्मचारियों का 10 मार्च से जारी है प्रदर्शन


इस बीच पुलिस के आला अफसर मौके पर मौजूद थे. रायपुर के एडिशनल एसपी तारकेश्वर पटेल ने प्रदर्शनकारियों को समझने की कोशिश की. लेकिन प्रदर्शनकारी सड़क से हटने को तैयार नहीं थे. एसपी तारकेश्वर पटेल ने बताया कि 10 मार्च से संविदा विद्युत कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए थे. पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बैरिकेड लगाकर इन्हें रोका. इनके द्वारा 6 से 7 बार आवागमन को बाधित किया गया था. 


पुलिस ने कहा वैधानिक कार्रवाई होगी


पुलिस ने आगे बताया कि शुक्रवार की भी सीएम हाउस घेराव के लिए शाम साढ़े 4 बजे से सड़क पर बैठे हुए थे. देर रात तक संविदा विद्युत कर्मचारी यही बैठे रहे हमने समझाने की कोशिश की लेकिन ये लोग नहीं माने और शनिवार सुबह अलग अलग टुकड़ियों में बंट कर सीएम हाउस घेराव के लिए प्रदर्शनकारी उग्र ढंग से आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे तब पुलिस ने उन्हें खदेड़ा. प्रदर्शकारियों के द्वारा पुलिस के साथ धक्का मुक्की की गई है. प्रतिबंधित धाराओं पर हिरासत में लिया गया है और वैधानिक कार्रवाई की जा रही है.


कल से भूखे है प्रदर्शनकारी


संविदा विद्युत कर्मचारी संघ के प्रवक्ता हरिचरण साहू ने बताया कि बार बार ज्ञापन देना अच्छा नहीं लगता है . कितने दिनों तक हड़ताल करेंगे हम थक गए है. इसी लिए शुक्रवार को हमने सीएम भूपेश बघेल से मिलने की योजनाएं बनाई थी. लेकिन पुलिस ने धरना स्थल से कुछ दूर आगे ही रोक दिया. हम रातभर सड़क में सोए रहे. लेकिन कोई जनप्रतिनिधि नहीं आए. शनिवार को सुबह 10.:30 बजे जिला प्रशासन की तरफ से सीएम भूपेश बघेल के पदाधिकारियों से मिलने का समय दिया गया था लेकिन मुलाकात नहीं करवाई गई. आज सुबह पुलिस ने लाठी मारना शुरू कर दिया. हमारे 5 से 7 साथी घायल है. अभी दर्जनों साथियों को सेंट्रल जेल लाया गया है. 


आवागमन बाधित होने पर धरना स्थल पर लगाईं गई धारा 144


गौरतलब है कि जिला प्रशासन रायपुर ने बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर धारा 144 पहले ही लगा रखी है. इसके लिए एडीएम की और आदेश जारी किया गया था. जिसमे कहा गया था कि सभी प्रदर्शनकारी अपने अपने टेंट हटा ले नही तो कार्रवाई होगी. अपको बता दें कि बूढ़ा तालाब धरना स्थल में रोजाना आवागमन बाधित होने से व्यापारी, राहगीरों और छात्रों को परेशानी होती है. इस लिए धरना स्थल से टेंट हटाने की कहा गया था.


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