Mass Resignation of School Sweepers: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में 16 जून से स्कूल (Schools) खुल गए हैं लेकिन बच्चो को गंदगी के बीच पढ़ाई करनी पड़ सकती है. सरकारी स्कूलों (Govt Schools) के 43 हजार से ज्यादा सफाईकर्मियों (Sweepers) ने इस्तीफा दे दिया है. सफाईकर्मी पिछले 117 दिनों से हड़ताल पर हैं. वे सरकार से सामने पूर्णकालिक कर्मचारी (Full Time Employee) बनाए जाने की मांग कर रहे हैं.


राज्य में करीब 50 हजार सरकारी स्कूल हैं. रोजाना स्कूलों की सफाई के लिए कर्मचारी रखे गए हैं. सफाईकर्मियों को सुबह और शाम एक-एक घंटे के लिए स्कूल बुलाया जाता है. महीनेभर के लिए उन्हें 2,300 रुपये मानदेय दिया जाता है. सफाई कर्मचारियों की मांग है की उन्हें अंशकालीन (Part Time) के बजाय पूर्णकालीन किया जाए. सरकार ने अभी इस मांग को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है, इसलिए सफाईकर्मी पिछले 117 दिनों से रायपुर (Raipur) के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर बैठे हैं.


सफाईकर्मियों ने कहा- इतने मानदेय से नहीं चल पाता घर


हड़ताल पर बैठने के बाद भी कोई जनप्रतिनिधि सफाई कर्मियों के पास उनकी मांगों को सुनने नहीं आया, इसलिए गुरुवार को सफाईकर्मियों ने बड़ा फैसला लिया है. रायपुर के धरना स्थल में प्रदर्शन करने के बाद एक साथ 43 हजार 301 सफाई कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया है. सफाई कर्मचारी संघ की महिलाओं ने कहा कि स्कूल में दिन भर कार्य करते हैं लेकिन हमें सिर्फ 2,300 रुपये मासिक मानदेय दिया जाता है. संघ की मांग है की अंशकालीन से पूर्णकालीन करते हुए उन्हें नियमित किया जाए.


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रायपुर धरना स्थल में बैठे सफाईकर्मियों ने बताया की बढ़ती महंगाई के बीच महीने के 2,300 रुपये से घर नहीं चलता है. उन्होंने कहा कि राज्य में सबसे कम सैलरी उन्हें मिलती है, जिससे घर का राशन तक नहीं आ पाता है. सफाईकर्मियों ने आगे कहा कि महंगाई में उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही है, इसलिए वे सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि जल्द से जल्द उन्हें नियमित किया जाए.


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