Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के कृषि विश्वविद्यालय में पिछले दो दिनों से स्थानीय कुलपति की मांग पर जमकर हंगामा हो रहा है. विश्वविद्यालय के प्राचार्य और छात्रों ने बुधवार को राजभवन पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया और गुरुवार को बाहरी कुलपति का विरोध जताया जा रहा है. दरअसल छत्तीसगढ़ का एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय है रायपुर का इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय. इन दिनों यहां स्थानीय कुलपति की नियुक्ति मुद्दा बना हुआ है.
आंदोलन के नेतृत्वकर्ता गजेंद्र चंद्राकर ने बताया कि हमारी एक सूत्रीय मांग है. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में स्थानीय कुलपति नियुक्त किया जाए. राजभवन जाकर राज्यपाल से भी मांग कर रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. यहां फिर से दूसरे राज्य के कुलपति को बैठाया गया है. राज्य में कई काबिल प्रोफेसर हैं जिनको कुलपति बनाया जा सकता था. अन्य राज्यों में स्थानीय कुलपति ही रहते हैं. आज विश्विद्यालय का गेट बंद कर दिया गया था तब प्रभारी कुलपति ने हमारी मांग सुनी है. राजभवन तक सूचना देने की बात कही जा रही है. लेकिन जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.
जानें क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति डॉ. एस. के. पाटिल का कार्यकाल खत्म होने के पहले ही कुलपति चयन के लिए सर्च कमेटी बनाई गई थी. पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम की अध्यक्षता वाले इस कमेटी में आनंद मिश्रा और सुब्रत सही ने 4 नामों का पैनल राजभवन भेजा था. लेकिन प्राध्यापकों का आरोप है कि कुलाधिपति ने इस कमिटी और पैनल के नाम को दरकिनार कर दिया है नया सर्च कमेटी का गठन किया है. इसके अध्यक्ष पूर्व कुलपति अरविंद पाठक को बनाया गया है. प्रोफेसरों का कहना है कि कमेटी असंवैधानिक रूप से गठित की गई है.
सीएम भूपेश बघेल ने भी किया समर्थन
विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों द्वारा स्थानीय कुलपति की मांग का सीएम भूपेश बघेल ने भी समर्थन किया है. सीएम भूपेश बघेल ने बुधवार को रायपुर एयरपोर्ट में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि स्थानीय कुलपति की मांग जायज है. छत्तीसगढ़ में प्रतिभा की कमी नहीं है. राज्यपाल को यह देखना चाहिए.
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